Book Title: Agam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Nandi Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 253
________________ आई (ती) य अंग अंगचूलिया अंग अंगवि अंगबाहिर अंगुल अंतगडदसा अंतगय अंतरदीवग अंतरदीवग अंतोन वेत अंतोमुहुत्तिय अकंपिय अकम्मभूमि अकम्मभूमिय अकिरिय अकिरियवाई अक्खर अक्खर सुय अगणि अगमिय अग्गिभूइ अभिगमायण अग्गेणीय अचरमसमय अजोगि भवत्थ अचरमसमय अजाणिया अजिय अजोगभवत्थ अज्जजोयधर अज्जनहत्थि समय का प्रकार ग्रंथ ग्रंथ Jain Education International श्रुतज्ञान का भेद ग्रंथ ग्रंथ मान का प्रकार ग्रंथ अवधिज्ञान का भेद मनुष्य जनपद ग्राम जनपद ग्राम समय का प्रकार गणधर जनपद ग्राम मनुष्य अन्यतीर्थिक अन्यतीर्थिक सजागिभवत्थ विनयवाद परि श्रुतज्ञान का भेद श्रुतज्ञान का भेद अग्नि श्रुतज्ञान का भेद गणधर गोत्र पूर्व केवलज्ञान का भेद केवलज्ञान का भेद परिषद् तीर्थंकर केवलज्ञान का भेद श्रुतधर आचार्य श्रुतधर आचार्य परिशिष्ट : ४ विशेषनामानुक्रम - देशीशब्द २२,२५ ८१-९१,१२३ ७८ ५५, १२७,१२७११ ७३,८० ७३,७४ १८।३,८,२०,२२, २५ ६५,८०, ८१ १०- १४, १६ २३ २३, २५ २५ ५० गा. २१ २५ २३ गा० ९ ८२ ७१,१२७/१ ५५,५६,५९ १८।२ ५५,७२ गा० २० गा० २३ १०४,१०६ २८ २९ १०३ १ गा० १८ २७,२९ गा० २६ गा० ३० अज्जमंगु अञ्जसमुद्द अज्झयण अट्ठापय अड्ढभ रह अनंगपविट्ठ अगंगप अनंत अनंतर अनंतर सिद्ध अणक्खर अणक्खरसुय अणाइय अणागय अणाणुवामिय अणयोग अणुओगदार अनुभोगदार अणुओ अणुष्पवाय अणुसार अगसिद्ध अलिगसिद्ध अण्णाविवाद अतित्थयरसिद्ध अतित्थसिद्ध अत्थसत्थ अत्थिनत्थिष्पवाय अत्थुग्गह अद्धमास अपज्जवसिय अपढमसमय अजोगभवत्थ सजोगिभवत्थ अनुत्तरोववाइयदसा पंच पूर्व अपढमसमय श्रुतधर आचार्य सुनधर आचार्य ग्रन्थ परिच्छेद दृष्टिवाद परिच्छेद For Private & Personal Use Only जनपद ग्राम श्रुतज्ञान का भेद ग्रंथ तीर्थंकर दृष्टिवाद परिच्छेद केवलज्ञान का भेद ज्ञान का भेद श्रुतज्ञान का भेद श्रुतज्ञान का भेद समय का प्रकार अवधिज्ञान का भेद दृष्टिवाद परिच्छेद ग्रंथ ग्रंथ परिच्छेद व्याख्यानाचार्य अनक्षर श्रुत का भेद केवलज्ञान का भेद केवलज्ञान का भेद अन्यतीर्थिक केवलज्ञान का भेद केवलज्ञान का भेद लौकिक ग्रंथ पूर्व मतिज्ञान का भेद समय का प्रकार श्रुतज्ञान का भेद केवलज्ञान का भेद केवलज्ञान का भेद गा० २८ गा० २७ ८१-८७,९०, ९१ ९४, ९५ गा० ३३,३७ ५५ ७९ गा० १९ १०२ ३०,३१ ६०।१ ५५, ६० ५५,६२,६९,७१ २२,२५ ९,१७ ९२,११९,१२१ ७७ ८१-९१,१२३ गा० ३८ ६५,८०,८९ ११८१ ६०।१ ३१ ३१ ८२ ३१ ३१ ३८।४ १०४,१०८ ४०, ४२ १८।५ ५५,६८,६९,७१ २९ २८ www.jainelibrary.org

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