Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Stahanakvasi Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana Publisher: Agam Prakashan SamitiPage 10
________________ प्रकाशकीय आचारांग १, २ भाग, उपासकदशांग, ज्ञाताधर्मकथांग, अन्तकृद्दशांग सूत्रों के तृतीय संस्करण प्रकाशित करने के अनन्तर अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र का यह तृतीय संस्करण प्रकाशित कर रहे हैं। अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र अंगप्रविष्ट आगमों में नौवां अंग आगम है। इसमें जैन इतिहास के सुप्रसिद्ध सम्राट् श्रेणिक के जालि, मयालि आदि राजकुमारों, भद्रा सार्थवाही के पुत्र धन्य आदि के साधनामय जीवन का वर्णन किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कामभोगों का उपभोग मानव का ध्येय नहीं हो सकता है, किन्तु प्राणिमात्र के अन्तिम लक्ष्य परमनिश्रेयस् - मोक्षप्राप्ति के प्रति प्रयत्नशील रहने में ही मानवजीवन की सफलता है। यही उद्बोधन देना इस आगम का अभिधेय है । स्वाध्यायप्रेमियों को इसी दृष्टि से इसका अध्ययन करना चाहिये। प्रस्तुत आगम का सम्पादन और अनुवाद विदुषी महासती श्री मुक्तिप्रभाजी म. एम. ए., पी-एच. डी. ने पूर्ण परिश्रम से करके इसे सर्वांगीण बनाया है। साथ ही श्रमणसंघ के आचार्य श्री देवेन्द्रमुनिजी म. शास्त्री ने अपनी प्रस्तावना में शास्त्र के अन्तर्रहस्य को उद्घाटित कर पाठकों को मार्गदर्शन कराया है। एतदर्थ समिति साध्वीजी व आचार्यश्रीजी का सधन्यवाद आभार मानते हुए अभिनन्दन करती है। मौलिक जैन साहित्य के प्रकाशन को ध्यान में रखकर स्व. युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी के कुशल निर्देशन आगम बत्तीसी के प्रकाशन की योजना प्रारम्भ हुई थी। इस समय व श्रमसाध्य योजना को सफल बनाने में सभी प्रकार के सज्जनों का सहयोग मिला और प्रकाशन के साथ ही पाठकों का दायरा बढ़ता गया कि बिन्दु सिन्धु रूप में परिणत हो गई। इसी कारण समिति अपने सभी अप्राप्य होते जाने वाले ग्रन्थों के तृतीय संस्करण प्रकाशित करने के लिए प्रयत्न कर रही है । हमें निवेदन करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आगम प्रकाशन का यह परमपुनीत अनुष्ठान सहयोगियों की प्रेरणा का सुफल है और सर्वतोभद्र स्व. युवाचार्य श्रीजी की शासनप्रभावना, आगमभक्ति और साहित्यानुराग की पावन भावना से ही हमें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सागरमल बैताला अध्यक्ष रतनचन्द मोदी कार्याध्यक्ष श्री आगमप्रकाशन समिति, ब्यावर (राजस्थान ) सायरमल चोरडिया महामन्त्री ज्ञानचंद बिनायकिया मन्त्रीPage Navigation
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