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अनुत्तरोपपातिकदशा विजय प्राप्त की। उस लोकोत्तर क्षात्र-धर्म से अपने अन्तरंग वैरी राग-द्वेष तथा क्रोध, मान, माया, लोभ आदि को जीतकर, पूर्ण रूप से विजय प्राप्त की।
यहाँ पर एक महाभोगी चक्रवर्ती के साथ एक महोयोगी (भगवान् महावीर) की तुलना की गई है। भगवान् धर्म के चक्रवर्ती हैं, अतः यह उपमा उचित ही है। वाणिज्यग्राम
मगध देश का एक प्राचीन नगर। यह कोशल देश की राजधानी था। आचार्य हेमचन्द्र ने साकेत, कोशल और अयोध्या – इन तीनों को एक ही कहा है।
साकेत के समीप ही "उत्तरकुरु" नाम का एक सुन्दर उद्यान था, उसमें "पाशामृग" नाम का एक यक्षायतन था।
साकेत नगर के राजा का नाम मित्रनन्दी और रानी का नाम श्रीकान्ता था।
वर्तमान में फैजाबाद जिले में, फैजाबाद से पूर्वोत्तर छह मील पर सरयू नदी के दक्षिणी तट पर स्थित वर्तमान अयोध्या के समीप ही प्राचीन साकेत होना चाहिए, ऐसी इतिहासज्ञों की मान्यता है। हस्तिनापुर
भारत के प्रसिद्ध प्राचीन नगर का नाम । महाभारत काल के कुरुक्षेत्र का यह एक सुन्दर एवं मुख्य नगर था। भारत के प्राचीन साहित्य में इस नगर के अनेक नाम उपलब्ध हैं - (१) हस्तिनी, (२) हस्तिनपुर, (३) हस्तिनापुर, (४) गजपुर आदि।
आजकल हस्तिनापुर का स्थान मेरठ से २२ मील पूर्वोत्तर और बिजनौर से दक्षिण-पश्चिम के कोण में बूढी गंगा नदी के दक्षिण कूल पर स्थित है। षष्ठ (छट्ठ)
छह टंक नहीं खाना (पहले दिन एकाशन करना, दूसरे दिन एवं तीसरे दिन उपवास करना, तथा चौथे दिन फिर एकाशन करना, इस प्रकार छह बार न खाने को छट्ठ (बेला) कहते हैं।
इसी प्रकार आठ बार नहीं खाने को अट्ठम (तेला) कहते हैं। चार बार नहीं खाने को चउत्थभत्त; अर्थात् उपवास कहते हैं।
इस व्याख्या से प्रतीत होता है कि उस युग में धारणा और पारणा करने की पद्धति का प्रचलन नहीं था, जो आज वर्तमान में चल रही है। वर्तमान में जो धारणा और पारणा की पद्धति है, वह तपस्या की अपेक्षा से तथा चउत्थभत्त, छट्ठभत्त इत्यादिक की जो व्याख्या शास्त्र में विहित है, उसकी अपेक्षा से भी शास्त्रानुकूल नहीं है। आयंबिल
'आयंबिल' शब्द एक सामासिक शब्द है। उसमें दो शब्द हैं -आयाम और अम्ल । आयाम का अर्थ है - मांड अथवा ओसामण । अम्ल का अर्थ है - खट्टा (चतुर्थ रस)। इन दोनों को मिलाकर जो भोजन बनता है, उसको आयामाम्ल; अर्थात् आयंबिल कहते हैं । ओदन, उड़द और सत्तू इन तीन अन्नों से आयंबिल किया जाता है। यह जैन परिभाषा है।
प्रवचनसारोद्धार में आयाम' शब्द के स्थान में आचाम' शब्द का प्रयोग किया गया है।