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पाब्भूते
प्रकट हुआ
पांसुलि - कडएहिं . - पसलियों की पंक्ति से पांसुलिय-कडाणं - -पार्श्वभाग की अस्थियों ( हड्डियों)
के कटकों को
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पाणं - पानी
पाणावली पाणि – हाथ
पात - जंघोरुणा – पैर, जंघा और उरुओं से पादाणं - पैरों की
पाण - - एक प्रकार के बर्तनों की पंक्ति
-
पाभातिय-तारिगा
• प्रातःकाल का तारा
पायंगुलियाणं - पैरों की अँगुलियों का
पाय - चारेणं.
- पैदल चल कर
पाया - पैर
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पारणयंसि पारण करने पर, पारणा में पासायवडिं(डें)सए (ते)
श्रेष्ठ महल में
भी
पि
पिट्ठि - करंडग- संधीहिं - -पृष्ठ-करण्डक (पीठ के
उन्नत प्रदेशों) की सन्धियों से पिट्ठि - करंडयाणं प्रदेशों की
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- पीठ की हड्डियों के उन्नत
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पिट्ठि - मवस्सिएणं. - पीठ के साथ मिले हुए
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पिट्ठिमाइया - पृष्ठिमातृककुमार
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पिता (या) - पिता - पूछता है
पुच्छति
पोट्ठिले – पोष्टिल्लकुमार पुत्ते -
– पुत्र
पुन्नसेणे – पुण्यसेनकुमार पुरिससेणे – पुरुषसेनकुमार
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पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि - - मध्यरात्रि के समय में
-
- मध्यरात्रि में
पुव्वरत्तावरत्तकाले पुव्वाणुपुव्वीए- क्रम से
पेढालपुत्ते - पेढालपुत्रकुमार
पेल्लए – पेल्लककुमार
पोरिसीए – पौरुषी, प्रहर दिन या रात का चौथा भाग
अनुत्तरीपपातिकदशा
फुट्टंतेहिं - बड़े जोर से बजाते हुए मृदङ्ग आदि वाद्यों
नाद से युक्त - ब्रह्मचारी
बंभयारी -
बत्तीसं - बत्तीस
बत्तीसाए - बत्तीसाओ
- बत्तीस - बत्तीस
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बद्धीसग - छिड्डे – बद्धीसक नामक बाजे का छेद
बहवे.
- बहुत से
बहिया
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- बाहर
बहू
बारस - बारह बालत्तणं
बावत्तरं - बहत्तर बाहाणं
भत्तं
- बहुत
भद्दं
- भुजाओं की
बाहाया - संगलिया - बाहाय नाम वाले वृक्षविशेष की
फली
बाहाहिं - भुजाओं से बिलमिव . बिल के समान
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बीणा - छिड्डे - वीणा का छेद बुद्धेणं – बुद्ध, ज्ञानवान् बोद्धव्वे - - जानना चाहिए बोरी-करील्ल बेर की कोंपल बोहणं – दूसरों को बोध कराने वाले भंते – हे भगवन् !
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भगवं - भगवान् भगवंता भगवान् भगवता (या) भगवतो भज्जणयकभल्ले भात, भोजन
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- बालकपन
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ने भगवान्
भगवान् का
• चने आदि भूनने की कढ़ाई
- भद्रा सार्थवाही को
भद्दा - भद्रा नाम वाली
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भद्दाए - भद्रा सार्थवाही का भद्दाओ भद्रा नाम वाली से भन्नति - कहा जाता है
भवणं
भवन