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अनुत्तरौपपातिकदशा
आयाहिणं-आदक्षिण आयाहिणं-पायाहिणं - दक्षिण दिशा से आरम्भ की
हुई प्रदक्षिणा
SPादाणा
अभिग्गहं - प्रतिज्ञा, आहार आदि करने की मर्यादा
बाँधना अमुच्छिते -बिना किसी लालसा के. अनासक्त अम्मयं -माता को अयं - यह अयलं - अचल, स्थिर अरुयं - आधि व्याधि से रहित अलं - पूर्ण अलत्तग-गुलिया- महेंदी (महावर) की गटिका अवकंखंति – चाहते हैं अवि - भी अविमणे-बिना दुःखित चित्त के अविसादी - बिना विषाद (खेद) के अव्वाबाहं -बाधा से रहित असंसट्ठ- बिना भरे हाथों से असि-है अह(हं)-मैं अह - अथ, पक्षान्तर या प्रारम्भ सूचक अव्यय अहा-पज्जत्तं - आवश्यकतानुसार अहापडिरूवं - यथायोग्य, उचित अहासुहं - सुख के अनुसार अहिज्जति - अध्ययन करता है अहीए - पठित, सीखा अहीण - हीनतारहित, पूरा आइगरेणं- प्रारम्भ करने वाले आइल्लाणं - आदि के, पहले के आउक्खएणं - आयु के क्षय होने से आणुपुव्वीए – अनुक्रम से आपुच्छइ (ति) — पूछता है, पूछती है आपुच्छणं- पूछना आपुच्छामि-पूछता हूँ आयंबिलं- एक प्रकार का तप आयंबिल-परिग्गहिएणं - आयंबिल तप की रीति से
ग्रहण किया हुआ आयवे - धूप में आयार-भंडए - संयम पालने के उपकरण
आरण्णच्चुए - आरण- ग्यारहवां देवलोक,
अच्युत-बारहवां देवलोक आहरति – आहार करता है आहारं - भोजन आहारेति – भोजन करता है आहिते - कहा गया है इ- इति, परिचय या समाप्ति-सूचक अव्यय इंगाल-सगडिया – कोयलों की गाड़ी इंदभूति-पामोक्खाणं – इन्द्रभूति आदि में इच्छामि – चाहता हूँ इति -समाप्ति-बोधक-अव्यय, परिचयात्मक अव्यय इब्भवर-कन्नगाणं - धनी श्रेष्ठियों की कन्याओं का इमासिं - इनमें इमे-ये इमेणं - इससे इमेयारूवे- इस प्रकार के इसिदासे - ऋषिदासकुमार ईरिया-समिते – ईर्यासमिति वाला, यत्नाचारपूर्वक
चलने वाला उक्कमेणं - उत्क्रम से, उल्टे क्रम से
नीचे से ऊपर उक्खेवओ- आक्षेप, न कहे हुए वाक्यों का पीछे के
वाक्यों से ग्रहण करना उग्गहं - अवग्रह, सम्मान, पूजा आदि उच्च.- (उच्च-मज्झम-नीय) उच्च, मध्यम और
नीच कलों से उच्चट्ठवणते – ऊँचे गले का पात्र विशेष उज्जाणातो- उद्यान से, बगीचे से उज्जाणे – उद्यान, बगीचा उज्झिय-धम्मियं-निरुपयोगी, फेंक देने योग्य उट्ट-पाद -ऊँट का पैर उट्ठाणं- ओठों की