Book Title: Agam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वितीय अध्ययन
सुनक्षत्र
१९-"जइ णं भंते ! जाव" उक्खेवओ। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं कायंदी नयरी। जियसत्तू राया। तत्थ णं कायंदीए नयरीए भद्दा नामं सत्थवाही परिवसइ, अड्डा। तीसे णं भद्दाए सत्थवाहीए पुत्ते सुणक्खत्ते नामं दारए होत्था अहीण जाव' सुरूवे।पंचधाइपरिक्खित्ते जहा धण्णो तहा बत्तीसओ दाओ जाव' उप्पिं पासायवडिंसए विहरइ।
तेणं कालेणं तेणं समएणं समोसरणं। जहा धण्णो तहा सुणक्खत्तो वि निग्गओ।जहा थावच्चापुत्तस्स तहा निक्खमणं जाव अणगारे जाए ईरियासमिए जाव' बंभयारी।
तए णं से सुणक्खत्ते अणगारे जं चेव दिवसं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए मुंडे जाव पव्वइए तं चेव दिवसं अभिग्गहं । तहेव जाव' बिलमिव जाव आहारेइ, संजमेणं जाव' विहरइ जाव बहिया जणवय-विहारं विहरड्। एक्कारस अंगाई अहिज्जइ जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। तए णं से सुणक्खत्ते तेणं उरालेणं जावर जहा खंदओ।
. जम्बू अनगार ने आर्य सुधर्मा से पूछा—भन्ते ! यदि श्रमण भगवान् महावीर ने तीसरे वर्ग के प्रथम अध्ययन का यह (पूर्वोक्त) अर्थ कहा है तो दूसरे अध्ययन का क्या अर्थ कहा है ? आर्य सुधर्मा ने जम्बू से इस प्रकार कहा— हे जम्बू ! उस काल और उस समय में काकन्दी नाम की एक नगरी थी। वहाँ का राजा जितशत्रु था। उस काकन्दी नगरी में भद्रा नाम की एक सार्थवाही रहती थी। वह सम्पन्न यावत् अपरिभूता थी। उस भद्रा सार्थवाही के सुनक्षत्र नामक एक पुत्र था। वह अहीन अङ्गोपाङ्ग वाला यावत् सुरूप था। पञ्चधात्रीपरिपालित था। धन्यकुमार की तरह उसे भी बत्तीस का दहेज दिया गया यावत् वह महलों में भोगों में लीन होकर रहने लगा।
उस काल और उस समय में भगवान् महावीर वहाँ पधारे। धन्यकुमार की तरह सुनक्षत्र भी धर्मदेशना श्रवण करने के लिए निकला। थावच्चापुत्र की तरह निष्क्रमण हुआ यावत् वह अनगार हो गया। ईर्यासमित यावत् ब्रह्मचारी हो गया।
___ अनन्तर वह सुनक्षत्र, जिस दिन भगवान् महावीर के पास मुण्डित हुआ यावत् प्रव्रजित हुआ उसी दिन से उसने अभिग्रह (प्रतिज्ञा) किया, यावत् अनासक्त होकर आहार किया। संयम में यावत् स्थिर होकर विचरण किया। १. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग १, सूत्र २
२. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र २ ३. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र २, ३
४. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ४-५ ५. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ५
अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ५ ७-८. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ७
अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ७ १०. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ९
अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ९ १२. अणुत्तरोववाइयदसा वर्ग ३, सूत्र ९