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श्रीपार्श्व ने अंले.सं. में लेखांक ७२४-२५ में प्रतिष्ठा का दिन वि.सं. १५७२ वैशाख सुदि ३ सोमवार दिया है जबकि वि.सं. १५७२ के ही लेखांक ७२६ एवं ७२७ में वैशाख सुदि ८ को भी सोमवार होना सूचित किया गया है। सही पाठ का निर्णय तो प्रतिमालेख के मूलपाठ को देखकर ही कर पाना सम्भव है।
सन्दर्भग्रन्थ | अंले.सं., लेखांक ७२३.
क्रमांक प्रतिष्ठा सम्वत् माह, तिथि, दिन लेख का स्वरूप
प्राप्तिस्थान फाल्गुन सुदि २ रविवार | कुन्थुनाथ की धातु की प्रतिमा | जैन मन्दिर, शत्रुजय ।
पर उत्कीर्ण लेख १५७३ वैशाख सुदि ३ शुक्रवार | विमलनाथ की धातु की पंचतीर्थी | भीड़भंजन पार्श्वनाथ
| प्रतिमा पर उत्कीर्ण लेख | जिनालय, खेड़ा
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| १५७३
अचलगच्छ का इतिहास
| फाल्गुन सुदि २ रविवार | चन्द्रप्रभ की धातु की प्रतिमा | जैनमन्दिर, चाणस्मा
पर उत्कीर्ण लेख
जै.धा.प्र.ले.सं., भाग २, | लेखांक ४४८ एवं अंले.सं., लेखांक २६७.
जै.धा.प्र.ले.सं., भाग १, | लेखांक १२१ एवं अंले.सं, लेखांक २६१ और ७२८ एवं ७३०. शगि द०, लेखांक ३१९, श वै०, लेखांक २७० एवं अंले.सं., लेखांक ७२९. जै.धा.प्र.ले.सं., भाग २, लेखांक ९०३ एवं अंले.सं.,
१५७३
फाल्गुन सुदि २ रविवार | कुन्थुनाथ की पंचतीर्थी प्रतिमा | बालावसही, शत्रुजय
पर उत्कीर्ण लेख
१५७३
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फाल्गुन सुदि २ रविवार आदिनाथ की धातु की प्रतिमा | मल्लिनाथ जिनालय, पर उत्कीर्ण लेख
भोयरा पाड़ो, खंभात