Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 204
________________ Jain Education International माणिक्यसागर गजराजसूरि इलाचीकुमारचतुष्पदी वि.सं. १८वीं | कै०गु०मै०, पृ० ५७०. शती १७८ ललितसागर माणिक्यसागर (रचनाकार) माणिक्यसिंहसूरि अजितसिंहसूरि माणिक्यसिंहसूरि (रचनाकार) माणिक्यसुन्दरसूरि | मेरुतुंगसूरि माणिक्यसुन्दरसूरि For Private & Personal Use Only शकुनसारोद्धार वि.सं. १३३८ जि०र०को०, पृ० ५६८. कै.मै.जै.ग्र.पा., भूमिका, पृ.५६. १. श्रीधरचरित्रमहाकाव्य वि.सं. १४६३ कै०गु०म०, पृ० ७२२. २. गुणवर्मकथा अपरनाम वि.सं. १४८४| जै.सा.बृ.इ., भाग ६, पृ० ३६३. सत्तरभेदीपूजा ३. श्रीधरचरित्रमहाकाव्य- वि.सं. १४८८ स्वोपज्ञदुर्गपदव्याख्या ४. चतुःपूर्वीचम्पू ५- शुकराजकथा ६. महानलमलयसुन्दरीकथा ७- चन्द्रधवलभूप-धर्मदत्तकथा ८- पृथ्वीचन्द्रचरित्र वि.सं. १४७८ ९. नेमीश्वरचरितफागबंध १०- सिंहसेनकथा अचलगच्छ का इतिहास www.jainelibrary.org

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