Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 233
________________ सहायक ग्रन्थ-सूची २०७ २४. जैनधातुप्रतिमालेख, सम्पा० मुनि कांतिसागर, प्रका०- श्री जिनदत्तसूरि ज्ञान भंडार, सूरत १९५० ई०. - २५. जैनधातुप्रतिमालेखसंग्रह, भाग १ - २, सम्पा०अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मंडल, पादरा १९२४ ई०. बुद्धिसागरसूरि, प्रका०-: 0 - श्री २६. जैनपरम्परानो इतिहास, भाग १-४, लेखक - त्रिपुटी महाराज, प्रका०- -श्री चारित्र स्मारक ग्रन्थमाला, अहमदाबाद, भावनगर १९५२-८३ ई०. २७. जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह, सम्पा०-मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, भारतीय विद्या भवन, मुम्बई १९४३ ई०. २८. जैनप्रतिभादर्शन, संपा०- नन्दलाल देवलुक, प्रका० - श्री अरिहन्त प्रकाशन, भावनगर २००० ई०. २९. जैनलेखसंग्रह, भाग १- ३, संग्राहक- संपा० श्री पूरनचन्द नाहर, १९१८ - १९२९ ई०. ३०. जैनसंस्कृतसाहित्यनो इतिहास, भाग १ - ३, लेखक - हीरालाल रसिकलाल कापड़िया, प्रका० - श्री मुक्तिकमल जैन मोहनमाला, बड़ोदरा १९७० ई०. ३१. जैनसाहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ३, लेखक - मोहनलाल मेहता, प्रका० - पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी १९६७ ई०. कलकत्ता ३२. जैनसाहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ४, लेखक - मोहनलाल मेहता एवं हीरालाल रसिकलाल कापड़िया, प्रका०- - पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी १९६८ ई०. ३३. जैनसाहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ५, लेखक - पं० अम्बालाल प्रेमचन्द शाह, प्रका०- पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी १९६९ ई०. ३४. जैनसाहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६, लेखक - गुलाब चन्द्र चौधरी, प्रका०पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी १९७३ ई०. ३५. जैनाहित्यनो संक्षिप्त इतिहास, लेखक - मोहनलाल दलीचन्द देसाई, प्रका०श्वेताम्बर जैन कान्फ्रेन्स, मुम्बई १९३३ ई०. Jain Education International ३६. जैनस्तोत्रसन्दोह, भाग १, संपा०- मुनि अमरविजय के शिष्य मुनि चतुरविजय, प्रका० - श्री साराभाई मणिलाल नवाब, प्राचीन (जैन) साहित्योद्धार ग्रन्थमाला, अहमदाबाद १९३२ ई०. ३७. ज्ञानांजलि (मुनि पुण्यविजयजी अभिवादन ग्रन्थ), सम्पा०- भोगीलाल सांडेसरा तथा अन्य, प्रका०- श्री सागर गच्छ जैन उपाश्रय, बड़ोदरा, १९६२ ई०. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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