Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 232
________________ अचलगच्छ का इतिहास प्रका० - यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, भावनगर १९६१ ई०. १२. उत्तर भारत में जैनधर्म (ई०पू० ८०० से ५२६ ई० तक), अंग्रेजी में लेखकचिमनलाल जयसिंह शाह, हिन्दी अनुवादक, कस्तूरमल बांठिया, प्रका०- -सेवा मन्दिर, रावटी, जोधपुर १९९० ई०. २०६ १३. ऐतिहासिकराससंग्रह, भाग १ - ४, सम्पा०-1 ग्रन्थमाला, भावनगर वि०सं० १९७२-७८. ० - विजयधर्मसूरि, प्रका० - यशोविजयजैन १४. ऐतिहासिक लेखसंग्रह, लेखक - पं० लालचन्द भगवानदास गांधी, प्रका० - सयाजीराव साहित्यमाला, बड़ोदरा १९६२ ई०. १५. गुजरातना सारस्वतो, लेखक- पं० केशवराम काशीराम शास्त्री, गुजरात साहित्य सभा, अहमदाबाद १९७७ ई०. १६. गुजरातनो राजकीय अने सांस्कृतिक इतिहास, भाग ४, ५, ६ सम्पा०रसिकलाल छोटालाल परीख एवं हरिप्रसाद ग० शास्त्री, प्रका०-२ - सेठ भोगीलाल जयसिंहभाई अध्ययन संशोधन विद्या भवन, अहमदाबाद १९७६- १९७९ई०. १७. गुजरातीसाहित्यकोश, भाग-१, सम्पादक - जयंत कोठारी तथा जयंत गाडीत, प्रका०- गुजराती साहित्य परिषद्, अहमदाबाद १९८९ ई०. प्रका० १८. गुणसौरभ, रचयिता - आचार्य गुणसागरसूरि; प्रकाशक - श्री कच्छीवीसा ओसवाल देरावासी जैन महाजन, नरसीनाथा स्ट्रीट, मुम्बई वि० सं० २०४० / ई०स०१९८२. १९. जिनदत्तसूरिज्ञान भंडार जैसलमेर के हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीपत्र, द्वितीय खण्ड, संकलनकर्ता - श्री जौहरीमल पारेख एवं अन्य, प्रका०- सेवा मन्दिर, रावटी, जोधपुर १९८८ ई०. २०. जिनशासननां श्रमणीरत्नो, सम्पा०- नन्दलाल देवलुक, प्रका०- अरिहन्त प्रकाशन, भावनगर १९९४ ई०. २१. जैनऐतिहासिकगूर्जरकाव्यसंचय, सम्पा०- मुनि जिनविजय, प्रका०- प्रवर्तक श्री कांतिविजय जैन ऐतिहासिक ग्रन्थमाला, भावनगर १९२६ ई०. २२. जैनगुर्जरकविओ, भाग १ - ९, लेखक - श्री मोहनलाल दलीचन्द देसाई, सम्पा० डॉ० जयन्त कोठारी, द्वितीय संशोधित संस्करण, प्रका० - महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई १९८६-९७ ई०. Jain Education International २३. जैनतीर्थसर्वसंग्रह, भाग १, खंड १ - २, भाग २, लेखक - पं० अम्बालाल प्रेमचन्द शाह, प्रका०- आनन्दजी कल्याणजी की पेढ़ी, अहमदाबाद १९५३ ई०. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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