Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 226
________________ २०० अचलगच्छ का इतिहास २५. ३७. २४. अचलगच्छनां समुद्धारक (गौतमसागरसूरि जीवन परिचय) जीवन- अमृत (तत्त्वज्ञाननां लेखो) (गुणसागरसूरि लिखित) लिंगनिर्णय (मूल-व्याकरणनां अंग विषयक) (कल्याणसागरसूरि कृत) २७. लिंगनिर्णय संस्कृत शब्दकोश : परिशिष्टादि सह (व्याकरणनो अंग) (कल्याणसागरसूरि कृत) षड्दर्शननिर्णय सानुवाद (मेरुतुंगसूरि कृत) २९. समरोमहामन्त्रनवकार (नवकारमंत्र पद पर विविध चिन्तनों का संकलन) ३०. भोजव्याकरणम् - अनुवाद विवरण सहित उपाध्याय विनयसागरजी कृत ३१. विद्वचिंतामणि - पद्यबद्ध (उपाध्याय विनयसागरजी कृत) संस्कृत ३२. अनेकार्थ नाममाला (हिन्दी पद्य) (उपाध्याय विनयसागरजी कृत) ३३. सौभाग्य ज्ञानपंचमीकथा-मूल संस्कृत (आ० गुणसागरसूरि कृत) ३४. कार्तिकीपूर्णिमाकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ३५. मौनएकादशीकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ३६. पौषदशमीकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत मेरुतेरसकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ३८. होलिकाकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ३९. चैत्रीपूनमकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ४०. अक्षयतृतीयाकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत रोहिणीकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ४२. पर्युषणअष्टाह्निकाकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ४३. दीपावलीकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ४४. चातुर्मासिकव्याख्याकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ४५. द्वादशपर्वकथा-मूल (गुणसागरसूरि कृत) संस्कृत ४६. खिला फूल फैल गई सौरभ (आर्यरक्षितसूरि परिचय) हिन्दी में ४७. बारसासूत्र सचित्र-मूल प्राकृत (मुलुंड संघ के सहकार से प्रकाशित) ४८. मारे जावू पेले पार, ले०- आ०कलाप्रभसागरसूरि (श्रावकों के कर्तव्य) ४९. पर्युषण स्वाध्याय, ले०- आ०गुणसागरसूरि (पर्युषण चिन्तन) फटाकडा फोडी भरोनां पापझोली. ५१. रेडी वन टू थ्री. जैन कथा संदोह --- भाग १, ले० आ० कलाप्रभसागरसूरि ५३. अहं न करियो कोय. ४१. ५२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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