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अचलगच्छ का इतिहास
शार्टकट साधना : घंटे घंटे के चौविहार की नोंध पोथी ६३ से ७७ तक सम्पादन : मुनि श्रीकमलप्रभसागर
मुम्बईथी सम्मेतशिखरजी छ: री महासंघेनो स्मृतिग्रंथ (सचित्र) सं० - आ० कलाप्रभसागरसूरि ।
स्वस्तिक गुणकलादर्शन (सचित्र) क्षमायात्रा (पर्युषण लेखमाला)
८१-९१.बारह पर्व कथानी ११ पुस्तकें, अनुवाद : आ० गुणसागरसूरि. बारह पर्व कथा— गुजराती भाषान्तर, भाग - १ (संयुक्त पुस्तक) चेम्बूर चातुर्मास स्मरणिका (२०४६).
सागर दीठु साकंर मीठं ( गुणसागरसूरिजीवन कथागत).
ये करजो वास.
जीवतत्त्व प्रवेशिका.
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९९. तुं प्रभु मारो, हुं प्रभु तारो, भाग १.
१००. तुं प्रभु मारो, हुं प्रभु तारो, भाग २.
१०१. पर्युषणाष्टाह्निका व्याख्या (गुजराती में ) ( पर्व कथा भाग - २), ले० आ० गुणसागरसूरिजी
मन तुं नम.
तुं मोरे मन में तुं मेरे दिल में.
१०२. बारसासूत्र गूर्जरपद्य ढालिया, रचयिता : आ० गुणसागरसूरि. १०३. श्री मेरुतुंगव्याकरण बालावबोध, सं० – आ० कलाप्रभसागरसूरि. १०४. श्री द्वादशपर्वकथा, भाग १, हिन्दी अनुवाद, राजमलजी सिंघी. १०५. सूरिगुणसिंधुना, गुणबिंदु, सं०-आ० कलाप्रभसागरसूरि. १०६. संयमगुण गुंजन, सं० पुण्यपराग.
१०७. भक्ति करतां छूटे मारु प्राण.
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४.
साहित्य दिवाकर पू० आ० श्री कलाप्रभसागरसूरि जी की एवं अन्य मुनिजनों की प्रेरणा से अन्य संस्थाओं द्वारा प्रकाशित साहित्य की सूची १. जीवन उन्नति याने तीर्थयात्रा, ले० - आ० कलाप्रभसागरसूरि सम्यकत्व सहित पाँच अणुव्रत (हिन्दी) ले०सचित्र अचलगच्छ स्नात्र पूजा (क्षमालाभ कृत) प्रथम ज्ञानसत्र (घाटकोपर) विशेषांक.
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आ० कलाप्रभसागरसूरि
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