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________________ २०२ ७७. ७८. ७९. ८०. अचलगच्छ का इतिहास शार्टकट साधना : घंटे घंटे के चौविहार की नोंध पोथी ६३ से ७७ तक सम्पादन : मुनि श्रीकमलप्रभसागर मुम्बईथी सम्मेतशिखरजी छ: री महासंघेनो स्मृतिग्रंथ (सचित्र) सं० - आ० कलाप्रभसागरसूरि । स्वस्तिक गुणकलादर्शन (सचित्र) क्षमायात्रा (पर्युषण लेखमाला) ८१-९१.बारह पर्व कथानी ११ पुस्तकें, अनुवाद : आ० गुणसागरसूरि. बारह पर्व कथा— गुजराती भाषान्तर, भाग - १ (संयुक्त पुस्तक) चेम्बूर चातुर्मास स्मरणिका (२०४६). सागर दीठु साकंर मीठं ( गुणसागरसूरिजीवन कथागत). ये करजो वास. जीवतत्त्व प्रवेशिका. ९२. ९३. ९४. ९५. ९६. ९७. ९८. ९९. तुं प्रभु मारो, हुं प्रभु तारो, भाग १. १००. तुं प्रभु मारो, हुं प्रभु तारो, भाग २. १०१. पर्युषणाष्टाह्निका व्याख्या (गुजराती में ) ( पर्व कथा भाग - २), ले० आ० गुणसागरसूरिजी मन तुं नम. तुं मोरे मन में तुं मेरे दिल में. १०२. बारसासूत्र गूर्जरपद्य ढालिया, रचयिता : आ० गुणसागरसूरि. १०३. श्री मेरुतुंगव्याकरण बालावबोध, सं० – आ० कलाप्रभसागरसूरि. १०४. श्री द्वादशपर्वकथा, भाग १, हिन्दी अनुवाद, राजमलजी सिंघी. १०५. सूरिगुणसिंधुना, गुणबिंदु, सं०-आ० कलाप्रभसागरसूरि. १०६. संयमगुण गुंजन, सं० पुण्यपराग. १०७. भक्ति करतां छूटे मारु प्राण. ३. ४. साहित्य दिवाकर पू० आ० श्री कलाप्रभसागरसूरि जी की एवं अन्य मुनिजनों की प्रेरणा से अन्य संस्थाओं द्वारा प्रकाशित साहित्य की सूची १. जीवन उन्नति याने तीर्थयात्रा, ले० - आ० कलाप्रभसागरसूरि सम्यकत्व सहित पाँच अणुव्रत (हिन्दी) ले०सचित्र अचलगच्छ स्नात्र पूजा (क्षमालाभ कृत) प्रथम ज्ञानसत्र (घाटकोपर) विशेषांक. २. O आ० कलाप्रभसागरसूरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003612
Book TitleAchalgaccha ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2001
Total Pages240
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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