Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 217
________________ वक Jain Education International सौभाग्यसागर (अंचलगच्छ-सागरशाखा) For Private & Personal Use Only गुणनिधानसूरि १- खंधककुमारसज्झाय | वि.सं. १६वीं | कै०गु०मै0, पृ० ५२९, ६९५, |शती |७९५. सेवक (रचनाकार) २. ऋषभदेवविवाहलो |वि.सं. १५९० ३. ऋषभदेवधवल | वि.सं. १५९० ४- नेमिनाथचन्द्राउला विनयसागर १- जामनगर स्थित शांतिनाथ-| वि.सं. १६९७ | अं०दि०, पृ० ४०७. जिनालय की शिलाप्रशस्ति सौभाग्यसागर (रचनाकार) | २- वर्धमानपद्मसिंहश्रेष्ठीरास पुण्यचन्द्र | वि.सं. १६८५/ जै.गू.क., भाग ३, पृ. २१४-१५, २६४ कनकचन्द्र वीरचन्द्र स्थानसागर (रचनाकार) गुणनिधान रत्नसमुच्चय अपरनाम वि.सं. १७८३ जि०र०को०, पृ० ३२८. हर्षनिधान (रचनाकार) रत्नसंचय से पूर्व जैगू०कo, भाग ५, पृष्ठ ३२०. अगडदत्तरास स्थानसागर (अंचलगच्छ-चन्द्रशाखा) अचलगच्छीय मुनियों का साहित्यावदान हर्षनिधान www.jainelibrary.org १९१

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