Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 188
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org क्षमाशेखर (अचलगच्छपालिताना शाखा) गजलाभ गुणरत्न (अचलगच्छ गोरक्ष शाखा) गुणसागर (अचलगच्छ - गोरक्षशाखा) चन्द्रलाभ जयकीर्तिसूरि (अंचलगच्छ के १२वें पट्टधर वाचक सुमतिशेखर | वाचकसौभाग्यशेखर माणिक्यशेखर सकलशेखर क्षमाशेखर (प्रतिलिपिकार) अज्ञात गजसागर 1 पुण्यरत्न 1 गुणरत्न ( रचनाकार) गजसागर गुणसागर (रचनाकार) मेरुतुंगसूरि जयकीर्तिसूरि (रचनाकार) उपदेशमालाबालालबोध के वि.सं. १६८३ में प्रतिलिपिकार १. वारव्रतरास २- जिनाशाहुंडी गुणाकरसूरिकवित्त गजसागरसूरिनिर्वाणरास चतुःपर्वीरास १- वैराग्यगीत २- पार्श्वदेवस्तवन जै०गू०क०, भाग ३, पृ० ३५४ . अं०दि०, पृ० ४०२. वि.सं. १५९७ जै.गू.क., भाग १, पृ. ३६१-६३. वि.सं. १६१० अं०दि०, पृ० ३७४. जै०स०प्र०, वर्ष ७, पृ० ५३०. जै० गु०क०, भाग ३, पृ० ३७१. वि.सं. १५७२ जै०गू०क०, भाग १, पृ० २६९. वि.सं. १५१२ जै.सा.सं.इ., कण्डिका ७५०. से पूर्व वि.सं. १४७० । जै.सं.सा.इ., भाग २, पृ० ३७८. के आसपास १६२ अचलगच्छ का इतिहास

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