Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 195
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org दयाशील दयासागर अपरनाम दामोदर विद्यासागर ज्ञानसागर धर्ममूर्तिसूरि कल्याणसागरसूर विजयशील दयाशील धर्ममूर्तिसूरि (रचनाकार) (रचनाकार) ४- कल्याणसागरसूरिरास वि.सं. १८०२ ५- स्नात्रपंचाशिका वि.सं. १८०४ ६. स्थूलिभद्रसज्झाय ७- चौबीसअतिशयनो छंद ८- शीयलसज्झाय ९- षडावश्यकसज्झाय १०- लघुक्षेत्रसमासबालावबोध १- अंतरंगकुटुम्बगीत वि.सं. १६६४ २- कायाकुटुम्बसज्झायस्तवन १७वीं शती ३- शीलबत्तीसी वि.सं. १६६४ वि.सं. १६६६ | ४- ईलाचीकेवीरास ५. चन्द्रसेन- चन्द्रप्रद्योत नाटकीयाप्रबन्ध १. सुरपतिकुमारचौपाई जै. गू.क., भाग ३, पृ० ८४-८६ अं०दि०, पृ० ३६९, ४१०. वि.सं. १६६७ वि.सं. १६६५ जै. गू.क., भाग ३, पृ. ९७-१००. अचलगच्छीय मुनियों का साहित्यावदान १६९

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