Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 194
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ज्ञानसागर 'द्वितीय' कल्याणसागरसूरि ७- चित्रसम्भूतचौपाई ८ आषाढ़भूतिचौपाई ९- नंदिसेणमुनिरास १०- श्रीपालरास ११- आद्रकुमारचौपाई १२- शांतिनाथचौपाई १३. सनत्चक्रीरास १४- शाम्बप्रद्युम्नरास १५ - चतुर्विंशतिजिनस्तवन १६. स्थूलिभद्रनवरसो १७- अर्बुदचैत्यपरिपाटी १८- महावीरस्तवन १९- पार्श्वनाथस्तवन २०- स्थूलभद्रसज्झाय २१- राजीमतीगीत २२- वैराग्यगीत १. समकितनी सज्झाय ३ भावप्रकाशसज्झाय ४- गुणवर्मरास वि.सं. १७२१ वि.सं. १७२४ वि.सं. १७२५ वि.सं. १७२६ वि.सं. १७२७ वि.सं. १७३० वि.सं. १७८६ कै० गु० मै०, पृ० ३८०. वि.सं. १७८७ हि०जै० सा०ई०, मरु-गुर्जर, वि.सं. १७९७ भाग-३, पृष्ठ १९९-२००. १६८ अचलगच्छ का इतिहास

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