Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 199
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org पद्यतिलक पद्मसागर पुण्यरत्न उदयसागर सुमतिसागर गजसागर पुण्यरत्न (रचनाकार) ४- चन्दनबालासज्झाय ५- सदेवंतसावलिंगारास ६. महावीर पंचकल्याणक स्तवन ७- चौबीसी ८- विद्यासागरसूरिरास बारभावनाढाल जीवाभिगमसूत्रटीका १. नेमिनाथयादवरास २- नेमिराजुलरास ३- नेमिनाथविवाहलो ४- सनत्कुमाररास ५- सुधर्मास्वामीरास वि.सं. १७८२ वि.सं. १७८२ वि.सं. १७९८ वि.सं. १७वीं अं०दि०, पृ० ३७७. शती कै०००, पृ० ५९७. वि.सं. १७०० जै० सा०सं०इ०, कण्डिका ८९०. वि.सं. १५९६ अं०दि०, पृ० ३७३-७४. से पूर्व वि.सं. १७वीं कै० गु० मै०, पृ० ७३७. शती वि.सं. १६०० से पूर्व वि.सं. १६३७ वि.सं. १६४० अचलगच्छीय मुनियों का साहित्यावदान १७३

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