Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 197
________________ Jain Education International (रचनाकार) धनजी कल्याणसागरसूरि धनराज वि.सं. १६९२ जि०र०को०, पृ० ३०४. महादेवसारणी पर महादेवी- टीका भोजदेव अपरनाम भुवनराजगणि न्यूकै०सं०प्रा०मै०- जे०क०, क्रमांक १८३३, पृ० ३२८. धनराज (रचनाकार) धर्मकवि महेन्द्रसूरि (रचनाकार) For Private & Personal Use Only १- जम्बूस्वामिचरित वि.सं. १२६६ जै०गू०क०, भाग १, पृ० ७... २- स्थूलिभद्ररास आ०क०गौ० स्मृ०ग्र०, पृ० ५९. ३- सुभद्रासतीचतुष्पदिका शतपदी अपरनाम प्रश्नोत्तरपद्धति वि.सं. १२६३ | जै०सा०सं०इ०, कण्डिका ४९५. अचलगच्छीय मुनियों का साहित्यावदान धर्मघोषसूरि (रचनाकार) जयसिंहसूरि धर्मघोषसूरि शालिभद्र धर्मघोष धर्मघोष अविमुक्तचरित वि.सं. १४२८ | जै.सा.बृ.इ., भाग ६, पृ० १९७. (रचनाकार) धर्मनन्दनगणि छन्दस्तत्त्व जै.सा.बृ.इ., भाग ५, पृ० १५०. www.jainelibrary.org १७१

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