Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 193
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ज्ञानमूर्ति उपा० ज्ञानसागर 'प्रथम' धर्ममूर्तिसूरि 1 विमलमूर्ति गुणमूर्ति ज्ञानमूर्ति उपा० गजसागर 1 ललितसागर | माणिक्यसागर ज्ञानसागर (रचनाकार) (रचनाकार) २. सम्यकत्वकौमुदी ३. आत्मबोधकुलक ४. जम्बूस्वामिचरित्र रचनाकाल १- शास्वतजिनभवनचैत्य परिपाटी २- रूपसेनराजर्षिरास ३. प्रियंकरचौपाई ४- बाइसपरीषहचौपाई ५- संग्रहणीबालावबोध १- शुकराजआख्यान २- धम्मिलरास ३- इलाकुमार रास ४- धणअणगारस्वाध्याय ५- रामलेख ६- परदेसीराजारास वि.सं. १४३६ वि.सं. १६९४ जै. गू.क., भाग३, पृ.३०१-३०६. वि.सं. १६९४ कै० गु००, पृ० १८२, ६२३. वि.सं. १७२५ वि.सं. १७२ के आसपास वि.सं. १७०१ जै०गू०क०, भाग ४, पृ० ३७, भाग ५, पृ० ३२९. वि.सं. १७१५ अं०दि०, पृ० ४६२-६५. वि.सं. १७१९ कै० गु०मै०, पृ० ४९१, ५९७. ६०१, ६२६, ८३०. वि.सं. १७२१ वि.सं. १७२३ वि.सं. १७२४ अचलगच्छीय मुनियों का साहित्यावदान १६७

Loading...

Page Navigation
1 ... 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240