Book Title: Achalgaccha ka Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshwanath Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 167
________________ अचलगच्छ की विभिन्न उपशाखायें और उनका इतिहास १४१ वाचक पुण्यतिलक वाचक सुमतिशेखर वाचक सौभाग्यशेखर माणिक्यशेखर सकलशेखर क्षमाशेखर (वि.सं. १६८३/ई.स. १६२७ में उपदेशमालावालावबोध के रचनाकार) वाचक ज्ञानशेखर वाचक नयनशेखर (वि०सं० १७१९/ई०स० १६५३ में हंसराजवत्सराजचौपाई के प्रतिलिपिकार; वि०सं० १७३६/ई०स० १६८० में योगरत्नाकरचौपाई के कर्ता) वाचक वेलराज और वाचक पुण्यतिलक की परम्परा के मुनिजनों के बीच किस प्रकार का सम्बन्ध था, यह ज्ञात नहीं होता। अचलगच्छ की इस शाखा के प्रवर्तक कौन थे? यह शाखा कब और किस कारण से अस्तित्त्व में आयी, इसका नामकरण किस आधार पर हुआ, साक्ष्यों के अभाव में ये सभी प्रश्न आज भी अनुत्तरित ही रह जाते हैं। सन्दर्भ १. श्रीपार्श्व, अंचलगच्छदिग्दर्शन, पृ० ३६७. २. श्री अगरचन्द भँवरलाल नाहटा, सम्पा०- बीकानेरजैनलेखसंग्रह, लेखांक १३९३. ३. श्रीपार्श्व, सम्पा०- अंचलगच्छीयप्रतिष्ठालेखो, लेखांक ७३९. ४. अंचलगच्छदिग्दर्शन, पृ० ३६७-६८. ५-७. वही, पृ० ३६८. ८. Vidhatri Vora, Ed. Catalogue of Gujarati Mss. Muni Shree Punya Vijaya Jis Collection. L.D. Series No. 71. Ahmedabad, 1972. p. 55. अंचलगच्छदिग्दर्शन, पृ० ३६७-६८. ९. वही, पृ० ३६९. १०. मोहनलालदलीचन्द देसाई, सम्पा०- जैनगूर्जरकविओ, भाग २, द्वितीय संशोधित संस्करण (सम्पा०- डॉ० जयन्त कोठारी), पृ० ४३-४४. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240