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जयसागर
उत्तमचन्द्र (वि.सं.१६९५ में सुनन्दारास के कर्ता)
कनकसागर (वि.सं.१७०० में सर्वज्ञशतकस्तवक
के कर्ता)
लक्ष्मीचन्द्र
मलूकचन्द्र (वि.सं.१८१५ में अपने शिष्य हेमचन्द्र के पठनार्थ रमलशास्त्र के प्रतिलिपिकार)
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अचलगच्छ का इतिहास
हेमचन्द्र
लावण्यचन्द्र (वि.सं.१७३४-६३ के मध्य रचित कई रचनायें उपलब्ध)
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