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तालिका-१
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वाचक वेलराज उपा० पुण्यलब्धि उपा० भानुलब्धि
(वि.सं. १६०१के लेख में उल्लिखितः वि.सं. १६०१ में इनके उपदेश से कालकाचार्यकथा की और वि.सं. १६३० में इनके पठनार्थ औपपातिकसूत्र की प्रतिलिपि की गयी)
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प्रतापश्री
मेघराज
चन्द्रलक्ष्मी (सत्तरभेदीपूजा के रचनाकार) (वि.सं. १६१९ में लिखी गयी ज्ञानपंचमीचौपाई
की प्रति में इनका और इनके शिष्याओं के रूप में
करमाई एवं प्रतापश्री का नामोउल्लेख)
करमाई (वि.सं. १६३३ में इनके पठनार्थ ऋषभदेवविवाहलो की प्रतिलिपि किये
जाने का उल्लेख)
अचलगच्छ का इतिहास
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