Book Title: Abhidhan Rajendra Kosh Part 07
Author(s): Vijayrajendrasuri
Publisher: Rajendrasuri Shatabdi Shodh Samsthan

View full book text
Previous | Next

Page 1156
________________ सूरियाभ 1132- अमिधानराजेन्द्रः - भाग 7 सूरियाम अलंकियविभूसिए समाणे पडिपुण्णालंकारे सीहासणाओ अहयाइंदेवदूसजुयलाई नियंसेइ नियंसित्ता पुप्फारुहणं मल्लाअब्मुडेति 2 द्वित्ता अलंकारियसभाओ पुरच्छिमिल्लेणं दारेणं रुहणं गंधारुहणं चुण्णारुहणं वन्नारुहणं वत्थारुहणं आभरणापडिणिक्खमइ 2 मित्ता जेणेव ववसायसभा तेणेव उवागच्छति रुहणं करेइ करित्ता आसत्तोसत्तविउलवट्टवग्घारियमल्लदामववसायसमं अणुपयाहिणीकरेमाणे 2 पुरच्छिमिल्लेणं दारेणं कलायं करेइ आसत्तोसत्त० करेत्ता कयग्गाहगहियकरयलपब्भअणुपविसति, जेणेव सीहासणवरगए जाव सन्निसन्नं / तए णं ट्ठविप्पमुक्केणं दसद्धवन्नेणं कुसुमेणं मुक्कुपुप्फपुंजोवयारतस्स सूरियाभस्स देवस्स सामाणियपरिसोववनगा देवा पोत्थ- कलियं करेति करित्ता जिणपडिमाणं पुरतो अच्छेहिं सहेहिं यरयणं उवणेंति, तते णं से सूरियाभे देवे पोत्थयरयणं गिण्हति रययामएहिं अच्छरसातंदुलेहिं अहह मंगले आलिहइ, तं जहापोत्थ० गिणिहत्ता पोत्थयरयणं मुयइ पोत्थ० मुइत्ता पोत्थयरयणं सोत्थिय जाव दप्पणं, तयाणंतरंचणं चंदप्पभरयणवइरवेरुविहाडेइ विहाडित्ता पोत्थयरयणं वाएति पोत्थयरयणं वाएत्ता लियविमलदंडं कंचणमणिरयणभत्तिचित्तं कालागुरुपवरकुंदुरुधम्मियं ववसायं गिण्हति गिण्हित्ता पोत्थयरयणं पडिनिक्खमइ कतुरुकधूवमघमघंतगंधुत्तमाणुबिद्धं च धूववर्टि विणिम्मुयंतं सीहासणातो अब्भुढेति अब्भुट्टेत्ता ववसायसभातो पुरच्छि- वेरुलियमयं कडुच्छुयं पग्गहियं पयत्तेणं धूवं दाऊण जिणवराणं मिल्लेणं दारेणं पछिनिक्खमइ 2 मित्ता जेणेव नंदा पुक्खरणी अट्ठसयविसुद्धगन्थजुत्तेहिं अत्थजुत्तेहिं अपुणरुत्तेहिं महावित्तेहिं तेणेव उवागच्छति उवागच्छित्ताणंदापुक्खरिणीपुरच्छिमिल्लेणं संथुणइ 2 णित्ता सत्तट्ठ पयाई पच्चोसक्कई 2 त्ता वामं जाणुं अचेइ तोरणेणं पुरच्छिमिल्लेणं तिसोवापडिरूवएणं पचोरुहइ पचोरु- २त्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि निहट्ट तिक्खुत्तो मुद्धाणं हित्ता हत्थपादं पक्खालेति पक्खालित्ता आयंति चोक्खे परमसु- धरणितलंसि निवाडेइ २त्ताईसिं पञ्चुण्णमइ रत्ता करयलपरिइभूए एगं महं सेयं रययामयं विमलं सलिलपुण्णं मत्तगयमुहा- ग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अञ्जलिं कट्ट एवं वयासीनमोत्थु णं गितिकुंभसमाणं भिंगारंपगेण्हति 2 णिहत्ता जाइंतत्थ उप्पलाई अरहंताणं भगवंताणं० जाव संपत्ताणं, वंदइ वंदित्ता नमसइ 2 जाव सतसहस्सपत्ताइं ताइं गेण्ह ति 2 णिहत्ता गंदातो सित्ता जेणेव देवच्छंदए जेणेव सिद्धायतणस्स बहुमज्झदेसमाए पुक्खरिणीतो पचोरुहति पचोरुहित्ता जेणेव सिद्धायतणे तेणेव तेणेव उवागच्छइ २त्तालोमहत्थगं परामुसइ२ सित्ता सिद्धायपहारेत्थ गमणाए। (सू०४३) तणस्स बहुमज्झदेसभागं लोगहत्थेणं पमजति, दिव्वाए तएणं तं सूरियामं देवं चत्तारिय सामाणियसाहस्सीओ०जाव दगधाराए अन्भुक्खेइ, सरसेणं गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलं सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीओ अन्ने य बहवे सूरियामं जाव मंडलगं आलिहइत्ता कयग्गाहगहियं ०जाव पुंजोवयारकलियं देवीओ य अप्पेगतिया देवा उप्पहत्थगया ०जाव सयसहस्सपत्त- करेइ करेत्ता धूवं दलयइ, जेणेव सिद्धायतणस्स दाहिणिल्ले हत्थगया सूरियाभं देवं पिट्ठतो 2 समणुगच्छति / तए णं तं दारे तेणेव उवागच्छति 2 त्ता लोमहत्थगं परामुसइ 2 त्ता सूरिमं देवं बहवे आमिओगिया देवा य देवीओ य अप्पेगतिया दारचेडीओ य सालभंजियाओ य वालरूवए य लोमहत्थएणं कलसहत्थगया ०जाव अप्पेगतिया धूवकडुच्छयहत्थगता पमज्जइ 2 ता दिव्वाए दगधाराए अब्मुक्खेइ 2 त्ता सरसेणं हद्वतुट्ठ जाव सूरियाभं देवं पिट्ठतो समुणुगच्छति / तए णं से गोसीसचंदणेणं चचए दलयइ दलइत्ता पुप्फारुहणं मल्ला० जाव सूरियाभे देवे चउहि सामाणियसाहस्सीहिंजाव अन्नेहिय बहूहि आभरणारुहणं करेइ करेत्ता आसत्तोसत्त जाव धूवं दलयइ२ य सूरियाभं जाव देवेहियदेवीहि यसद्धिं संपरिखुडे सविडिए 'ता जेणेव दाहिणिल्ले दारे मुहमंडवे जेणेव दाहिणिल्लस्स जाव णातियरवेणं जेणेव सिद्धायतणे तेणेव उवागच्छति 2 मुहमंडवस्स बहुमज्झदेसभाए तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता त्ता सिद्धायतणं पुरथिमिल्लेणं दारेणं अणुपविसति अणुप- लोमहत्थगं परामुसइ 2 ता बहुमज्झदेसभागं लोमहत्थेणं विसित्ता जेणेव देवच्छंदए जेणेव जिणपडिमाओ तेणेव उवा- पमजइ 2 ता दिव्वाए दगधाराए अब्भुक्खेइ 2 त्ता सरसेणं गच्छति 2 त्ता जिणपडिमाणं आलोए पणामं करेति 2 ता लोम- गोसीसचंदणेणं पंचंगुलितलं मंडलगं आलिहइ २त्ता कयग्गाहहत्थगं गिण्हति 2 त्ता जिणपडिमाणं लोमहत्थएणं पमजइ गहिय जाव धूवं दलयइ २त्ताजेणेव दाहिणिल्लस्स मुहमंडपमजित्ता जिणपडिमाओ सुरभिणा गंधोदएणं ण्हाणेइण्हाणित्ता वस्स पञ्चत्थिमिल्ले दारे तेणेव उवागच्छ 2 च्छित्ता लोमहत्थगं सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाई अणुलिंपइ अणुलिं पित्ता परामुसइ २त्ता दारचेडीओ य सालिभंजियाओ य वालरूवए सुरभिगंधकासाइएणं गायाइं लूहेति लेहिता जिणपमिमाणं | य लोमहत्थेणं पमज्जइ 2 त्ता दिव्वाए दगधाराए० सरसेणं

Loading...

Page Navigation
1 ... 1154 1155 1156 1157 1158 1159 1160 1161 1162 1163 1164 1165 1166 1167 1168 1169 1170 1171 1172 1173 1174 1175 1176 1177 1178 1179 1180 1181 1182 1183 1184 1185 1186 1187 1188 1189 1190 1191 1192 1193 1194 1195 1196 1197 1198 1199 1200 1201 1202 1203 1204 1205 1206 1207 1208 1209 1210 1211 1212 1213 1214 1215 1216 1217 1218 1219 1220 1221 1222 1223 1224 1225 1226 1227 1228 1229 1230 1231 1232 1233 1234 1235 1236 1237 1238 1239 1240 1241 1242 1243 1244 1245 1246 1247 1248 1249 1250 1251 1252 1253 1254 1255 1256 1257 1258 1259 1260 1261 1262 1263 1264 1265 1266 1267 1268 1269 1270 1271 1272 1273 1274 1275 1276