Book Title: albeli amrapali
Author(s): Mohanlal Chunilal Dhami, Dulahrajmuni
Publisher: Lokchetna Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ २ अलबेली आम्रपाली गणतन्त्रों में वैशाली का गणतन्त्र समृद्ध और सुखी था। यह सभी की आंखों में खटक रहा था। ___ उस समय मगध का स्वतन्त्र राज्य था। वहां का राजा प्रसेनजित था। वह अत्यन्त वृद्ध और अशक्त था। मगध की राजधानी कुशाग्रपुर थी। किन्तु महाराज प्रसेनजित राजगृह को राजधानी बना, सुखपूर्वक रह रहा था। उस समय राजगृह पूर्वभारत की समृद्ध और रमणीय नगरी थी । उसके चारों ओर कमनीय पर्वतमालाएं थीं। वे दुर्ग की भांति नगरी की रक्षा करती थीं। राजा प्रसेनजित ने अनेक विवाह किए थे और वह अनेक पुत्रों का पिता था। उसने अपने उत्तराधिकारी की परीक्षा करने के लिए अनेक प्रयत्न किए और श्रेणिक को सबसे योग्य पाया। किन्तु यहां उसके सामने एक समस्या उपस्थित हो गई। उसने अभी-अभी वृद्ध अवस्था में एक विवाह किया। पत्नी युवती थी। उसने इसी शर्त पर विवाह किया कि उससे उत्पन्न पुत्र मगध का राजा बनेगा, प्रसेनजित का उत्तराधिकारी होगा। उसे पुत्र की प्राप्ति हुई, पर उसमें बिम्बिसार श्रेणिक जैसा तेज नहीं था। मगध राज्य की सुरक्षा और समृद्धि को बनाए रखने का उसमें पराक्रम दृग्गोचर नहीं हो रहा था। अंग देश की राजधानी चम्पा नगरी अत्यन्त समृद्ध थी । महाराज जितशत्रु दधिवाहन वहां का राजा था। कौशल देश का अधिपति राजा प्रसेनजित या । उसकी राजधानी श्रावस्ती थी। उसके पास अपार सैन्यबल था। राजा प्रौढ़ था, किन्तु वह विलासप्रिय था। उसके योग से उसकी एक रूपवती दासी से एक पुत्र जन्मा। उसका नाम विपुडभ रखा। वह अत्यन्त बलवान और तेजस्वी था। वह स्वयं राजा के लिए सिरदर्द बना हुआ था। चंडप्रद्योत मालव देश का अधिपति था। अवंती राजधानी थी। अवंती की समृद्धि प्रख्यात थी। मालवपति का पराक्रम बहुचर्चित था और वह सुलगती आग जैसा सब कुछ भस्मसात् करने में समर्थ गिना जाता था। वत्स देश का राजा उदयन बहुत प्रतापी था । शाक्य प्रदेश की राजधानी कपिलवस्तु थी। उसकी अवस्थिति हिमगिरि की तलहटी में थी। वह भी एक शक्तिशाली गणतन्त्र था। वहां की प्रजा कौशेय बनाने की कला में निपुण थी। ___भारत के पूर्वीय कोने में कामरूप देश था। उसकी राजधानी थी मणिपुर । समग्र कामरूप की प्रजा कला, मंत्र-तंत्र और संगीत की उपासक प्रतीत होती थी। कामरूप की पूर्व दिशा में नागलोक स्थित था। वहां का राजा श्रेयांसपुत्र प्रतापी राजा था। कामरूप और नागलोक के राजाओं ने कभी भी अपने राज्यों का

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 366