Book Title: Uttaradhyayanani Uttararddha
Author(s): Chirantanacharya, Kanchansagarsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 340
________________ RanKoka परिशि.१ उत्तरा० अवचूर्णिः ॥३३६॥X गाथानां सूत्राणां चाकारादिक्रमः KOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXOXO प्रतीकम् गा. सू. पत्राङ्कः । प्रतीकम् गा. स. पत्राङ्कः। प्रतीकम् गा. सू. पत्राकः प्रतीकम् गा. स. पत्राङ्क: चत्तपुत्तकलत्तस्स २४२ ६३ चित्तमंतमचित्तं वा ९७२ २०६ जस्सऽस्थि मञ्जणा सक्खं ४६७ ११३ चत्तारि परमंगाणि ९५ २९ चित्तोऽवि कामेहि जइ तं काहिसि भावं ८२६ १८१ जह कहुयतुंबरसो १३०१ २८८17 चत्तारि य गिहिलिंगे १४२५ ३०८ विरत्तकामो ४४० १०६ | जइत्ता विउले जन्ले २६५ ६६ ,, करगयस्स फासो १३०९ चरणविहिं पवक्खामि ११३५ २६१ चिरंप से मुंडई ७३९ १६६ जइ मज्झ कारणा एए ८०१ १७८ ,किंपागफलाणं ६७ १४८ चरंतं विरयं लूई ५४ चीराजिण निगिणिण १४८ ४३ जईऽसि भोगे चट्ट , गोमडस्स गंधो १३०७ चरित्तमायारगुणन्निए ७५० १६८ चीवराणी विसारंती ८१६ १८० असत्तो ४३७ १०५ ,, तरुणअंबयरसो १३०३ २८८ चरित्तमोहणं कर्म १२७६ २८२ , रूपेण ८२३ , तिकडुयस्स १३०२ चरित्तसंपन्नयाए णं सू.७५ २०० छञ्चेव य मासाऊ १५२४ ३१८ | जक्खो तहिं तिदुय , परिणयंबगरसो १३०४ चरे पयाई परिसंकमाणो १२१ ३६ छज्जीवकाए असमार रुक्खवासी ३६६ जह बूरस्स वि फासो १३१० २८९ | चवेडमुट्ठिमाईहिं ६६७ १५४ भंता ३९९ ९५ जगनिस्सिएहिं भूएहिं २१७ ५८ " सुरहिकुसुमगंधो १३०८ चंदणगेरुयहंसगम्भ० १४४९ ३११ छब्बीस सागराई १६०९ ३२४ जणेण सद्धिं होक्खामि १३४ जहा अम्गिसिहा ६३९ चंदा सूरा य नक्खत्ता १५८० ३२२ छंदणा दग्वजाएणं ९९७ जम्म दुक्खं जरा दुक्खं ६१५ १४८ जहाइन्नसमारूढे ३४३ चंपाए पालिए नाम ७५९ १७० छंद निरोहेण उति १२२ ३७ जया मिगस्स आर्यको ६७८ १५६ जहा इई अगणी ६४७ चाउजामोआ जो धम्मो ८४३ १८४ छिंदिनु जालं अवलं ४७५ ११५ " य से सुहि होइ ६८० १५६ | , इमं सीयं ६४८ १५३ १८६ छिन संरं भोमं ५०० १२१ " सर्व परिचज ५५९ १३० " उ पावगं कर्म १०९८ चिच्चा ण धर्ण च भारियं ३१८ ७५ छिन्नाले छिंदई सिलिं १०५० २२० । जरामरणकंतारे ६४७ १५२ | , ऽऽएसं समुस्सि १७८ चिच्चा दुपयं च ४२९ १०३ छिनावाएसु पंथेसु , ५३ १५ जरामरणवेगेणं ८९९ १९३ | करेणुपरिकिष्णे ३४४ ८१ गर8 पब्वईओ ५६७ १३८ | छुहा तण्डा य सीउण्डं ६३१ १५० | जलधननिस्सिया १३६३ २९९ । , कागिणीए हेर्ड १८८ ५१ in Educat i onal For Private & Personal use only jainelibrary.org

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