Book Title: Uttaradhyayanani Uttararddha
Author(s): Chirantanacharya, Kanchansagarsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 348
________________ उत्तरा० अवचूर्णिः परिशि.१ ॥३४०॥ गाथानां सूत्राणाञ्चाकारादि २२२ ११३ प्रतीकम् गा. सू. पत्राङ्कः प्रतीकम् गा. सू. पत्राः प्रतीकम् गा. सू. पत्राः । प्रतीकम् गा. सू. पत्राङ्कः पलिओपमा उ तिन्नि उ१५५७ ३१९ पंचिंदियतिरिक्खा १५४३ ३१९ पासेहिं कृडजालेहिं ६५ १५४ पुढवी य सक्करा वालुया १४४६ ३११ " " ""१५५८ ३१९ पंचिंदिया उ जे जीवा १५२८ ३१८ पिजदोसमिच्छा. सू.८५ २५१ "साला ज , साली जवा चेव २०६ ६७ पल्लोयाणुल्लया चेव १५०२ ३१६ पंचिदियाणि कोई २६३ ६५ पियधम्मे दधम्ने १३१९ २९१ | पुत्तो मे भाय नाइ त्ति ३९ ९० पसिढिलपलंबलोला १०१८ २१४ पंतं सयणासण भइत्ता ४९७ १२० पियपुत्तगा दोनिवि ४४५ पुमत्तमागम्म कुमार ४४३ १०७ पसुर्वधा सम्बवेया ९७६ पंताणि चेव सेविज्जा २१९ ५८ पिया मे सब्बसारंपि. ७२२ पुरिमा उजुजड़ा उ ८५७ १८७ | पहाय रागं च तहेब ७७७ १७४ पागारं कारइत्ता णे २४५ ६३ पिसाय भूया जक्खा १५७९ | पुरिमाण दुविसुज्झो उ ८५८ १८७ | पहावंतं निगिण्हामि ८८७ १९१ पाणिपहमुसाबाया १०९९ २५४ पिहुंडे ववहरंतस्स ७६१ पुरोहियं तं कमसोऽणुपहीण पुत्तस्स हुनत्थि व ४६९ पाणे अ नाइवाइज्जा २१६ ५८ पिंडुग्गहपडिमासु ११५३ - गंतं ४५१ पंकामा धूमाभा १५३० ३१८ पायच्छित्तकरणेणं भंते! पिंडोलए व दुस्सीलो १४९ १४३ , तं ससुयं ७७ पंखाबिटुणो व जहेब ४७० ११३ पुच्छ भंते ! जहिच्छ ते ८५३ १८६ पुल्ले व मुट्ठी जह ७४० पंचमहय्वयजुत्तो ६८८ पायच्छित्तं विणओ १९२७ ६०८ पुच्छामि ते महाभाग ८५२ पुचकोडीपुहुत्तं तु १५४९ पंचमहव्वयं धम्म ९१८ १९६ पारियकाउस्सग्गे १०३१ २१७ पुच्छिऊण मए तुभं ७५५ पुचिल्लंमि चउन्भागे ९९९ पंचमा छंदशा नाम ९९४ २१० पारियकाउस्सग्गो १०३५ २१८ पुच्छिजा पंजलिउडो १००० २११ " " १०१२ पंचसमिओ लिगुत्तो ११०० २५४ १०४२ २१८ पुजा जस्स पसीयंति ४६ १२ पुचि च इहि च ३९० पंचालरायाऽवि य बंभपावसुयपसंगेसु ११५३ २६४ | पुट्ठो अ दसमसएहिं ५८ पेडा य अपेडा १११६ . दत्तो ४३१ १०६ | पासवणुचारभूमि च १०२९ २१६ पुढपी आउकाए १०२१ २१५ पेसिआ पलिउंचति १०५६ पंचासवप्पमत्तो १३२ २९० पासा अ इइ के वुत्ता ८७३ १९० , आउजीवा य १४४२ ४२ पोरसीए चउत्थीए १०३५ पंचिंदियकायमइगो ३०२ ७३ / पासाए कार इत्ताण २५९ ६४ | पुढवीकायमइगओ २९४ ।। ७२ । , चउन्माए पा. के. सा. सोसा KX ॥३४०॥ १०१३ Jain EducationNGional For Private & Personal Use Only VAwjainelibrary.org

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