Book Title: Upmiti Bhav Prakasha Katha Part 1 and 2
Author(s): Siddharshi Gani, Vinaysagar
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
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प्रस्ताव ८ : पात्र परिचय
३१५
पंचाक्ष पशु संस्थान विबुधालय मानवावास
आयुष्य
अन्तरंग का
एक स्वतंत्र राजा अत्यन्त अबोध एकाक्ष निवास
का राज्यपाल तीव्र मोहोदय एकाक्ष निवास
का सेनापति
दासी
समस्त पात्र-सम्मिलन क्षेमपुरी का राजा प्रियंकरी राजा युगन्धर की रानी संसारी जीव,
पुरन्दर चक्रवर्ती, चोर
अनुसुन्दर चक्रवर्ती
का पुत्र
क्षेमपुरी युगन्धर
नलिनी शंखनगर अनुसुन्दर चित्तरम उद्यान मनोनन्दन चैत्य हरिपुर भीमरथ (बहिरंग) सुभद्रा
समन्तभद्र
हरिपुर का राजा राजा भीमरथ की रानी भीमरथ-सुभद्रा का पुत्र, सुघोष प्राचार्य समन्तभद्र आचार्य, सदागम
के गुरु भीमरथ-सुभद्रा की पुत्री, दिवाकर गंधपुर के रविप्रभ समन्तभद्र की बहिन,
और पद्मावती प्रज्ञाविशाला, कन्दमुनि
का पुत्र, महाका जीव, प्रवर्तिनी साध्वी
भद्रा का पति
महाभद्रा
रत्नपुर मगधसेन (बहिरंग) सुमंगला
सुललिता
चोर-सम्बन्धी रचना रत्नपुर का राजा अकुशल द्रव्य, चोरी की वस्तु राजा मगधसेन की रानी कर्ममल भस्म, शरीर
पर लेपन मगधसेन-सुमंगला की राजस सोनागेरु का हथछापा पुत्री, मदनमञ्जरी का जीव, अगृहीतसंकेता
तामस मसी का चांदला रागकल्लोल कणेर की माला कुविकल्प- सकोरों की सन्तति लम्बी माला पापातिरेक टूटा हुआ मिट्टी
का ठीकरा (शिर पर)
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