Book Title: Upmiti Bhav Prakasha Katha Part 1 and 2
Author(s): Siddharshi Gani, Vinaysagar
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
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उपमिति-भव-प्रपच कथां
शंखपुर (बहिरंग)
असदाचार गधा (बैठने के
लिए) दुष्टाशय राजपुरुषों से
वेष्टित विवेकीजन पापों की निन्दा
करने वाले कषाय
उद्धत बालक संभोग शब्दादि विषय,
फूटा ढोल बहिर्लोकविलास दुर्जनों का
अट्टहास्य श्रीगर्भ शंखपुर का राजा, अनु
सुन्दर चक्रवर्ती (संसारी
जीव) का मामा कमलिनी राजा श्रीगर्भ की रानी,
महाभद्रा की मौसी श्रीगर्भ-कमलिनी का पुत्र भव्यपुरुष, सुमति, प्राचार्य
समन्तभद्र के पट्टधर संसारी जीव कथानायक, अनुसुन्दर
चक्रवर्ती अवधि
सबोध का मित्र
पुण्डरीक
अमृतसार
गांधारराज-पद्मिनी का धनेश्वर पुत्र, संसारी जीव की प्रगत आत्मा
आचार्य पुण्डरीक का पट्टधर आचार्य
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