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1. इच्छामिणं भंते का पाठ इच्छामि णं भंते! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे देवसियं' पडिक्कमणं ठाएमि देवसिय-नाण-दसण-चरित्ताचरित्त-तवअइयार-चिंतणत्थं करेमि काउस्सग्गं।
फिर एक नवकार मंत्र बोल कर तिक्खुत्तो के पाठ से तीन बार वन्दन करें।
प्रथम आवश्यक प्रथम आवश्यक की आज्ञा कहकर “करेमि भंते!" का पाठ बोलें फिर निम्न पाठ बोलें।
2. इच्छामि ठामि का पाठ इच्छामि ठामि काउस्सग्गं जो मे देवसिओ अइयारो कओ, काइओ, वाइओ, माणसिओ, उस्सुत्तो, उम्मग्गो, अकप्पो, अकरणिज्जो, दुज्झाओ, दुविचिंतिओ, अणायारो, अणिच्छियव्यो, असावगपाउग्गो, नाणे तह दंसणे, चरित्ताचरित्ते, सुए सामाइए, तिण्हं गुत्तीणं, चउण्हं कसायाणं, पंचण्हमणुव्वयाणं, तिण्हं गुणव्वयाणं, चउण्हं सिक्खावयाणं बारस-विहस्स सावग-धम्मस्स, जं खंडियं जं विराहियं तस्स मिच्छा मि दुक्कडं ।। 1. प्रात:काल में राइयं, पक्खी के दिन पक्खियं, चौमासी के दिन चाउम्मासियं और संवत्सरी के
दिन संवच्छरियं बोलें। 2. प्रात:काल में राइयो, पक्खी के दिन पक्खिओ, चौमासी के दिन चाउम्मासिओ और संवत्सरी के दिन संवच्छरिओ बोलें।
(10) श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र