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|| श्री महावीराय नमः ॥
सविधि प्रतिक्रमण सूत्र
साधु-साध्वी हों तो उनके सम्मुख, अन्यथा पूर्व-उत्तर दिशा (ईशान कोण) की ओर मुँह करके तीन बार विधिपूर्वक तिक्खुत्तो के पाठ से वन्दना करें।
चउवीसत्थव की आज्ञा देवसिय' प्रतिक्रमण चउवीसत्थव की आज्ञा है कहकर, निम्न पाठ बोलें :-नवकार मन्त्र, इच्छाकारेणं व तस्स उत्तरी में झाणेणं तक बोलकर ‘एक लोगस्स का काउस्सग्ग' ऐसा बोलकर अप्पाणं वोसिरामि बोलने के साथ काउस्सग्ग करें, फिर लोगस्स पूर्ण होने पर णमो अरिहंताणं' ऐसा बोल कर काउस्सग्ग पालें, बाद में कायोत्सर्ग शुद्धि का पाठ व लोगस्स का पाठ बोलकर विधिपूर्वक दो बार नमोत्थुणं देवें । फिर तीन बार तिक्खुत्तो के पाठ से वन्दना करें।
प्रतिक्रमण ठाने की आज्ञा देवसिय प्रतिक्रमण की आज्ञा है कहकर अग्रलिखित पाठ बोलें।
1. प्रात:काल में राइय, पक्खी के दिन पक्खिय, चौमासी के दिन चाउम्मासिय तथा संवत्सरी के दिन संवच्छरिय बोलें।
{9} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र