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7. सामायिक व्रत विधि से ग्रहण किया, विधि से पूर्ण किया,
विधि में कोई अविधि हो गई हो तो तस्स मिच्छा मि दुक्कडं ।। सामायिक में पाठ उच्चारण करते काना, मात्रा, अनुस्वार, पद, अक्षर, ह्रस्व, दीर्घ, कम, ज्यादा, आगे-पीछे, विपरीत पढ़ने, बोलने में आया हो तो अनन्त सिद्ध केवली भगवान की साक्षी से तस्स मिच्छा मि दुक्कडं ।। फिर तीन बार नवकार मंत्र का स्मरण कर सामायिक पारें।
। सामायिक साधना समापन विधि समाप्त ।। ॥ सविधि सामायिक सूत्र समाप्त ।।
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{8} श्रावक सामायिक प्रतिक्रमण सूत्र