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द्वितीयकाण्डम्
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मानववर्गः ७ योनियो भंगं 'शिश्ने शेफो मेट्रं च मेहनम् । मुंष्कऽण्डकोश वृषणा वुपस्थो भग शिश्नयोः ॥८५॥ स्यान्नितेम्बः पुंसि पश्चात् स्त्रीकटया जघन पुरः। पृष्ठवंशादधोगतदेशः क्लीबं कुकुन्दरम् ॥८६॥
श्रोणिः कटिः स्त्रियां वास्ति यो मूत्राशयः पुमान् क्लोबेऽपान गुदं पुंसि "पायुरुरुस्तु सक्थनि ॥८७॥ जानू रुपवर्णी तुल्ये जंघातु प्रसृता स्त्रियाम् ।
(१) भग के दो नाम-योनि १ स्त्रो० पु०, भग २ नपुं० । (२) पुरुष के जाननेन्द्रिय के चार नाम-शिश्न १ शेफस् २ (शेष, शेफ पु०)२ मेढ़ ३ मेहन४ पु.नपुं। (३) अण्डकोश के तोन नाम-मुष्क १ अण्डकोष २ वृषण ३ पु० । (४) स्त्री तथा पुरुष दोनों के जननेन्द्रिय का एक नाम-उपस्थ १ पु० । (५) स्त्रोके नितम्ब का एक नाम-नितम्ब १ पु०। (६) पुरोभाग का एक नाम-जघन १ नपुं० । (७) पृष्ठवंश (मेरुदण्ड) के नाचे के गर्त (खड्ढा) का एक नम-कुकुन्दर (गुणवृक्ष पु०) १ नपुं० । (८) कटि के दो नाम-श्रोणि १ कटि २ स्त्री० । (९) मुत्राशय के दो नाम-~-वस्ति १ स्त्री० पु०, मुत्राशय २ पु० । (१०) गुदा के तीन नाम-अपान १ गुद २ न', पायु ३ पु० । (११) जंघा के ऊपरी भाग के दो नामऊरु १ पु०, सक्थि २ नपुं० । (१२) कटि प्रदेश से नीचे चरणतल से ऊंचे जो मध्य सन्धि है उसके दो नाम-जानु १ ऊरुपर्व २ पु०नपुं० । (१३) जंघा के दो नाम- जंघा १ सृपन २ स्त्री० ।
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