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द्वितीयकाण्डम्
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मानवर्गः ७
ललाटमलिकं भालं घ्राणं घोणाऽपि नासिका । ग्रीवाऽग्रोगलकण्ठौच ग्रीवात् कन्धरा स्त्रियाम् ॥७७॥ कृकाटिकाsदुर्घटा गलवृद्धि गंडः पुमान् । प्रसृतिः स्त्रीकरेकुब्जे युक्तयोर्नाऽञ्जलिस्तयोः ॥७८॥ पाणिः शयः करः पुंसि तच्छाखा त्वङ्गुलिः स्त्रियाम् । पुंस्ये गुष्टस्तैर्जनी स्त्री सैव ख्याता प्रदेशिनी ॥७९॥ मध्यमानामिकी किश्च "कनिष्ठेति क्रमादसौ | हस्ताघातश्च पेटा स्त्री करें र्द्धिः करतालिका ॥८०॥
(१) ललाट के तीन नाम - ललाट १ अलिक २ भाल ३ नपुं० । (२) नाक के तीन नाम - प्राण १ नपुं०, घोणा २ नासिका (नासा) ३ स्त्री० । (३) कंठ के दो नाम -गल १ कण्ठ २ पुं० । (४) गर्दन के दो नाम -- ग्रीवा १ कन्धरा २ स्त्री० । (५) कण्ठ के उन्नत प्रदेश के तीन नाम-कृकाटिका १ अवटु १ घाटा ३ खी० । (६) गलवृद्धी के दो नाम - गलवृद्धि १ स्त्री०, गड्डु २ पु० । (७) हाथ को संकुचित करने का एक नाम - प्रसृति १ स्त्री० । (८) दोनों हाथों को संकुचित करने का एक नामअञ्जलि १ पु० । (९) हाथ के तीन नाम - पाणि १ शय २ कर ३ पु० । (१०) अंगुलि का एक नाम - अङ्गुलि (अङ्गुली) १ स्त्री० । (११) अंगूठे का एक नाम-अङ्गुष्ठ १५० । (१२) दूसरी अंगुली के दो नाम - तर्जनी १ प्रदेशिनी २ स्त्री० । (१३) तीसरी का एक नाम - मध्यमा १ स्त्री० । (१४) चौथी का एक नामअनामिका १ स्त्री० । (१५) पांचवीं का एक नाम - कनिष्ठिका १ बी० । (८) हस्ताघात का एक नाम - चपेटा १ स्त्री० । (१७) चुटकी के दो नाम - करर्द्धि १ करतालिका २ स्त्री० ।
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