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तृतीय काण्डम्
२६१
प्रकीर्णवर्गः १
पाश्या सहायता खल्या हल्यैवं जनतादिकम् ॥२९॥ एवमन्येपि संकीर्णाः शब्दा बोध्या यथामति । ॥ इति प्रकीर्णवर्गः समाप्तः ॥
पशु समूह का - पाश्य, सहाय समूह का - सहायता, स्खल समूह का - स्वल्या ( स्खलिनी) हल समूह का हल्या, जनसमूह का जनता ये सब स्त्रो० । ऐसे और २ भी संकोर्ण शब्द स्वस्व मति अनुसार जानने योग्य हैं ।
॥ इति प्रकीर्णवर्ग समाप्त ॥
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