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सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए
डाँटा है, मारा है, मैं तुमसे नहीं बोलूंगा। मेरे मन में तुम्हारे लिए घृणा हो गई है, मुझे तुमसे नफरत हो गई है, मैं तुमसे किसी प्रकार की बात न करूँगा।' 'तू मुझसे नफरत करता है, घृणा करता है', कहती हुई माँ बच्चे को पकड़ने के लिए खड़ी हुई। लेकिन बच्चा माँ से छिटककर दौड़ता हुआ जंगल की ओर चला गया। वहाँ पहुँचकर भी उसका क्रोध ठंडा न हुआ। वहाँ भी वह कहने लगा, ‘हाँ-हाँ मैं सचमुच तुमसे नफरत करता हूँ, नफरत करता हूँ, नफरत करता
सुनसान जंगल में वह आश्चर्य में पड़ गया जब चारों ओर से यही आवाजें आने लगी कि 'मैं तुमसे नफरत करता हूँ, नफरत करता हूँ, नफरत करता हूँ।' इन आवाजों को सुनकर बच्चा घबराया कि क्या वीरान सुनसान जंगल में भी ऐसे बच्चे रहते हैं जो मुझसे नफरत करते हैं ? उसे पता था कि जंगल में रहने वाले बच्चे तो देवदूत होते हैं, अगर वे ही मुझसे नफरत करने लगे तो क्या होगा ? वह सहमा, घबराया, डरा हुआ वापस घर की तरफ दौड़ पड़ा और आकर माँ के आँचल में छिपकर रोने लगा। माँ ने पूछा, 'बेटा तुझे क्या हुआ, इस तरह क्यों रो रहा है ?' बच्चे ने जंगल में जो कुछ हुआ, माँ को बताया, 'माँ मैं घबरा रहा हूँ। जंगल के बच्चे मुझसे नफरत कर रहे हैं।' माँ ने कहा, 'मैं समझ गई बेटा, क्या हुआ है। तुम डरो नहीं, घबराओ नहीं; अब एक बार फिर जंगल में जाओ और प्यार से मुस्कराते हुए कहो, ‘हाँ मैं तुमसे प्यार करता हूँ, प्यार करता हूँ, प्यार करता हूँ।'
बच्चा जंगल में पहुँचा। वहाँ उसने खुश होते हुए जोर से पुकार कर कहा, 'हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ, प्यार करता हूँ, प्यार करता हूँ।' आश्चर्य! जंगल में रहने वाले उन अदृश्य बच्चों ने भी वही ध्वनि प्रतिध्वनित की। बच्चे को प्रसन्नता हुई कि वहाँ रहने वाले बच्चे अब उसे प्यार करते हैं। ___ जंगल में कोई बच्चे नहीं हैं, लेकिन अपनी ही आवाज गुंजित होकर लौट रही है। अगर आप चाहते हैं कि आपसे कोई नफरत न करे तो कृपा कर आप भी उससे नफरत न करें। प्यार और सम्मान चाहते हैं तो अपनी ओर से भी सम्मान और प्यार बाँटिये, दीजिये। जैसा डालेंगे, वैसा ही निकलेगा। मानव
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