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प्रेम: जीवन का पुण्य पथ
मेरे प्रिय आत्मन्,
विश्व की एक पुरातन महान् पुस्तक में एक छोटी-सी घटना का उल्लेख है। यहूदी धर्म का एक शिक्षक अपने जीवन की समस्या का समाधान पाने के लिए भगवान जीसस के पास पहुँचा। उसने जीसस से पूछा, 'सच्चा जीवन प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?' जीसस ने जवाब दिया, 'हमें परम पिता परमात्मा से प्रेम करना चाहिए और दूसरे लोगों से भी प्रेम करना चाहिए जैसे हम अपने आपसे करते हैं।' शिक्षक ने पूछा, 'दूसरों से आपका प्रयोजन क्या है ?'
जीसस ने कहा, 'ऐसा समझो एक व्यक्ति यरुशलम नगर से यरोहोन नगर की ओर जा रहा था। रास्ते में उसे डाकू मिले। डाकुओं ने उसे लूटा और मारपीट कर घायल भी कर दिया। घायल अवस्था में पड़ा हुआ वह प्रभु का स्मरण करने लगा। तभी उधर से मंदिर का पुजारी निकला। उसने रास्ते में पड़े
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