Book Title: Sakaratmak Sochie Safalta Paie
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 91
________________ 84 सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए हम पर हावी है ? खुद को बदलने की मानसिकता ही खुद को बदलती है। मैं मुझे बदलूँगा, तुम तुम्हें बदलोगे। स्वयं को बदलने का उत्तरदायित्व स्वयं पर है। हमारा संकल्प मजबूत हो, व्यवहार में उसे लागू करने की जागरूकता हो। ध्यान रखो, ऐसे ही कभी रोहिणिया चोर बदला, डाकू अंगुलिमाल बदला, मंगलसिंह और खडगसिंह बदले, रत्नाकर बदले और चन्डकौशिक भी बदला। जीवन में लगने वाली ठोकर इंसान को बदलती है, समझ हमें बदलती है, संकल्प हमें बदलता है। __आप जहाँ बैठे हैं, दो मिनट के लिए कमर सीधी कीजिए, पलकों को झुकाइये और अपनी बुराई को पहचानिए। उसे पृथ्वी को समर्पित कर दें। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में अपनी बुराइयों को विसर्जित हो जाने दें।... स्वयं को ढीला छोड़ें... पूरी तरह रिलेक्स... फ्री हो जाइये... मुक्त ! Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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