Book Title: Sakaratmak Sochie Safalta Paie
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 87
________________ 80 सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए किसी के द्वारा पसंद नहीं किए जाते। मैंने देखा है कि ऐसे व्यक्ति को जो कि उग्र स्वभाव का था, अपनी पत्नी के साथ गाली-गलौज करता या अपने बच्चों को मारता-पीटता रहता था। उसके उग्र स्वभाव के कारण उसके बच्चे भी शायद उसके विपरीत हो गए होंगे। मैंने देखा है कि आदमी का उग्र स्वभाव उसको कितनी हानि पहुँचाता है, लेकिन जब उसी व्यक्ति ने अपना जीवन बदल लिया तो उसके बच्चे उसके लिए कितने फिदा होने लग गए। उसके बच्चे अपने पिता के लिए मरने-मिटने लग गए। तुम्हारा उग्र स्वभाव तुम्हारी नापसंदगी का कारण बना और तुम्हारा शीतल और शांत स्वभाव तुम्हारे बच्चों के भीतर आदर और आस्था को जन्म देने का आधार बना। ___ हमने क्रोध किया और उसके दुष्परिणाम भी देखे। हमने प्रेम किया और उसके शुभ परिणाम भी जानने को मिले। जब जीवन में शुभ परिणाम निकाले जा सकते हैं, तो फिर दुष्परिणामों से क्यों न बचें? हम अपने जीवन को सौम्य और मधुर बनाएँ। अपने उग्र स्वभाव पर आप अंकुश लगाइए। हमेशा औरों के साथ अच्छा सलूक कीजिए। अच्छा व्यवहार कीजिए। यदि आप किसी का बुरा नहीं करते तो यह अच्छी बात है पर अगर आप किसी का भला करते हैं, अच्छे तरीके से पेश आते हैं तो यह आपके जीवन की और अधिक श्रेष्ठता हुई। कोई फूल अगर दुर्गन्धित नहीं है, यह बात अच्छी है पर फूल सुगंधित है तो यह उसकी अपनी विशेषता है। हमेशा औरों के साथ विनम्रता से पेश आएँ। हमेशा औरों के साथ खिले हुए गुलाब के फूल की तरह पेश आएँ। आपकी मधुरता, आपकी विनम्रता आपके जीवन को बहुत बड़ा गौरव प्रदान कर देगी। जो यश आप लाखों रुपये खर्च करके भी उपलब्ध न कर पाते होंगे, वह यश आपकी विनम्रता, आपका सद्व्यवहार और आपका सौम्य स्वभाव आपको प्रदान करेगा। आप सबसे प्रेम-मैत्री रखिए। मैं सबका मित्र हूँ। विश्वमित्र हूँ। सारा विश्व मेरा मित्र है। मुझे नहीं लगता कि धरती पर हमारा कोई दुश्मन होगा। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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