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सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए
जिसके अंत:करण में सफलता का उद्देश्य बन चुका है, वह निश्चित रूप से सफल होगा। जो व्यक्ति जिंदादिली और जिन्दगी की रवानी रखते हैं वे इस बात पर मनन करें कि उनकी नाकामयाबी के क्या कारण हैं? जो चूक हो जाती हैं, उससे सबक न ले पाने के कारण ही असफलताएँ हाथ लगती हैं। हम इस डर से ही कदम न उठा सके कि कहीं असफल हो गए तो ! कोई शहद तो पाना चाहता है लेकिन छत्ते के समीप इसलिए नहीं जाता कि कहीं मधुमक्खी ने उसे डंक मार दिया तो क्या होगा ! ऐसा आदमी कभी भी शहद न पा सकेगा। वह शहद के स्वाद और उसकी पौष्टिकता से सदा वंचित ही रहेगा।
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जीवन में जोखिम तो उठानी पड़ेगी। अपने मूल्यवान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करना ही होगा। लॉटरी खुलने की प्रतीक्षा में कहीं दिवाला ही न निकल जाय। जब तक सार्थक लक्ष्य न होगा और लक्ष्य के लिए सार्थक मार्ग न होगा और मार्ग के लिए सार्थक प्रयास न होंगे तब तक जीवन में किसी को परिणाम नहीं मिल सकता। इसलिए जो व्यक्ति अपने जीवन में सफलता का सूर्य उदित करना चाहते हैं, वे अपनी नजरें सूर्य की ओर रखें ताकि उन्हें अपनी परछाई भी न दिखाई दे। तुम्हें अपने प्रतिद्वंद्वी न दिखाई दें, तुम निरन्तर आगे बढ़ते रहो। तुम तब तक विश्राम न लो, जब तक उस लक्ष्य को अर्जित न कर लो। जिसने यह मान लिया कि आराम हराम है, उसके जीवन में फिर आराम ही आराम है।
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कामयाबी पाने के लिए मैं आपको पाँच-सात सोपानों पर चढ़ने के लिए प्रेरित करूँगा । केवल इन पर चढ़ने और पार करने की ही तो बात है । उसके बाद जो परिणाम मिलता है वह मंजिल है, वह शिखर है। जीवन में कामयाबी पाने का पहला मंत्र है - 'अपनी इच्छा-शक्ति को जगाना।' सफल होने के लिए जब तक इच्छा-शक्ति जाग्रत न होगी, तब तक तुम सफल न हो पाओगे । इच्छा-शक्ति से आत्म-विश्वास जगता है। आत्म-विश्वास से ही तुम अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बना सकोगे । सकारात्मक दृष्टिकोण होने पर जीवन में अभीष्ट पुरुषार्थ जगा सकोगे । इच्छाशक्ति का होना सफल होने के लिए अनिवार्य शर्त है।
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