Book Title: Sakaratmak Sochie Safalta Paie Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha FoundationPage 71
________________ 64 सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए संस्कृति की किसी भी बात का विरोध करता होगा मगर मैं समर्थन करूँगा कि तुम भी वैसे ही समय पर चलो जैसे पूरा पाश्चात्य जगत चलता है। हम समय की पाबंदी का अनुसरण करें ताकि हमारे जीवन में भी व्यवस्थाएँ कायम हो सकें। गाँठ बाँध ले मन में कि समय पर चलेंगे, समय से चलेंगे। आज से समय हमारा मित्र होगा। हम भी समय के मित्र हों। समय पर चलें, समय के साथ चलें। जो चलेंगे, समय उनका होगा। जो नहीं चलते है, समय उन्हें किनारे कर देता है और समय खुद आगे बढ़ जाया करता है। पीछे केवल पछताना पड़ता है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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