Book Title: Sakaratmak Sochie Safalta Paie Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha FoundationPage 53
________________ 46 सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए जिन्होंने समय का उपयोग करना जान लिया, वे अपने जीवन में एक ऐसा ‘सेविंग अकाउंट' खोल लेते हैं जिससे वे समय के हर क्षण का उपयोग और उनकी बचत कर लिया करते हैं। समय सबके लिए एक जैसा नहीं होता। समय के हजार-हजार रूप होते हैं। संसार में जितने भी प्राणी हैं, समय के भी उतने ही रूप हैं। ऐसे लगता है कि हर व्यक्ति अपने आप में समय का ही प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब है। समय ने तुम्हें जैसा बनाना चाहा, वैसा तुम बन चुके। अब तुम समय का जैसा उपयोग करना चाहोगे, समय तुम्हारे लिए वैसा ही अपना स्वरूप निर्धारित कर लेगा। हाथ में पहनी हुई घड़ी महज़ समय देखने के लिए नहीं होती। घड़ी तो सदा समय पर चलने के लिए होती है। अगर आप समय के आधार पर नहीं चल पाते हैं तो मैं कहूँगा कि आप अपने हाथ पर घड़ी का भार न ढोएँ। अगर समय पर चलने का मानस है तो आपके लिए घड़ी प्रकृति का एक महान् वरदान साबित हो जाएगी। आप समय के साथ चलेंगे तो समय भी आपके साथ चलेगा। आप समय के मित्र बनिए, समय आपका मित्र बनेगा। आप समय को निभाएँ, समय आपको निभाएगा। आपका हर कदम अगर समय के अनुरूप है तो स्वयं समय ही आपकी परछाँई बनेगा। संसार के सभी रहस्यमयी तत्त्वों में समय भी एक महत्वपूर्ण तत्त्व है। कल्पना करें, अगर धरती पर समय न होता तो शायद जो व्यक्ति जवान था, वह सदा जवान ही रहता और बूढ़ा होता तो हमेशा बूढ़ा ही रहता। समय ही कभी व्यक्ति को जन्म की ऋतु दे दिया करता है और कभी मरण का पतझड़ प्रदान कर दिया करता है। समय ही है जो कभी हर व्यक्ति के लिए संयोग का आधार बन जाता है और समय ही कभी वियोग का धरातल दे जाता है। यह समय ही है जो किसी बीज में से फूल को खिला देता है और किसी खिले हुए फूल को मुरझा भी देता है। यह समय ही है जो हमें दो पल पहले हँसी-खुशी और अठखेलियाँ प्रदान कर रहा था और दो मिनट बाद ही हमें शोकमग्न कर दिया करता है। समय ही संसार का सर्जक है, संसार का पालक है। संसार का विध्वंसक भी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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