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क्या करें कामयाबी के लिए?
पाठ्यक्रम और अपनी क्षमता को ध्यान में रखते हुए अपने अध्ययन की योजना बना लेनी चाहिए, ताकि आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने में आसानी रहेगी। बगैर किसी योजना के यदि आप पढ़ाई में लग जाते हैं तो उसका आपकी पढ़ाई पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। सिस्टेमेटिक पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी परीक्षा के वक्त की हड़बड़ाहट से बचे रहते हैं। वे निश्चिंत रहते हैं और उनका आत्मविश्वास भी प्रबल होता है जो उनकी सफलता का मूल आधार बनता है। योजनाबद्ध तरीके से जो कार्यों को सम्पादित करता है, वह सात दिनों का कार्य एक दिन में सम्पन्न कर लेता है। जिसके जीवन में कोई योजना नहीं है, कोई तैयारी नहीं है, वह एक दिन में दो कार्य भी नहीं कर पाता।
हम ऊँचे क्षेत्रों को भले ही छोड़ दें पर दैनंदिनी जीवन में भी कुछ प्रयोग कर सकते हैं। प्रात:काल जब आप सोकर उठे तो सबसे पहले मुस्कराइये। भगवान का स्मरण बाद में करना किन्तु पहले पहल रग-रग से मुस्कराना। कुछ सामने हो या न हो तो भी मुस्कराना। अगर पहले बिल्ली भी दिखाई दे जाये तो उसे अपशकुन मत मानना, उसे देखकर भी मुस्कराना। दुनिया में शकुन और अपशकुन कुछ नहीं होता। हम ही मन को छोटा कर लेते हैं तो अपशकुन हो जाता है और हम ही मन को बड़ा कर लेते हैं तो शकुन हो जाता है। मैंने आज सुबह ही बिल्ली देखी किन्तु इससे कुछ भी फर्क नहीं पड़ाता। वह भी अन्यों की तरह एक जानवर ही होती है। अगर हम मान बैठे कि 'अरे, सुबह-सुबह बिल्ली देख ली अतः अब पूरा दिन बेकार बीतेगा' तो आप खुद ही अपशकुन कर बैठे। उस बिल्ली को देखो, उसे प्रणाम करो और दो मिनट तक मुस्कराओ। अपशकुन टल गया, शकुन हो गया।
प्रात: उठकर दो मिनट मुस्कराने को ही हम अपनी पहली प्रार्थना बना लें और उसे जीवन का पहला धर्म समझें। तदुपरान्त दैनिक कर्म से निवृत्त होकर उस दिन किये जाने वाले कार्यों का स्वरूप तय करें। उनकी सूची बना लें। उन्हें सिलसिलेवार प्राथमिकता की दृष्टि से पुनः सूचीबद्ध कर लें। हो सकता है,
आपकी सूची में आज के लिए पैंतीस कार्य हों लेकिन समयबद्धता और सूची होने से आपके सभी कार्य पूर्ण हो जायेंगे। अगर आप योजनाबद्ध तरीके से हर
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