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क्या करें कामयाबी के लिए ?
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सुधार करते रहना उस कार्य को श्रेष्ठ बनाने का तरीका है।
जीवन भर विद्यार्थी बनकर रहें ताकि ज्ञान-प्राप्ति के द्वार निरन्तर खुले रहें। असफलता से निराश न हों बल्कि असफलता से प्रेरणा लेकर दुगने उत्साह से अपने कार्य में जुट जायें। लक्ष्य को पाने के लिए अंतिम श्वास तक प्रयास करें। हम यह भी देखें कि किस्मत आखिर कब तक हमारा साथ नहीं देगी या वह कब हमारा साथ निभायेगी ? जो सफलता पाने के लिए उद्यम करता है, सफलता के लिए सन्नद्ध होता है, प्रयत्नशील होता है सफलता उसका वरण करती है। आप अपनी मानसिक नपुंसकता त्यागें, हृदय की दुर्बलता त्यागें, कर्तव्य-पथ आपको निमंत्रण दे रहा है। ईश्वर और कुदरत आपके साथ हैं। प्रयत्न करना हमारा कर्तव्य है, अधिकार है, इसे प्राप्त करना ही चाहिए। मेरी
ओर से आप सभी को यही प्रेरणा है कि आप उद्यम करें तो अवश्य सफल होंगे। अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार आज ही योजना बनाएँ, न केवल योजना बनाएँ, वरन् उस पर अमल करने के लिए लग जाएँ।, अंधेरा धीरे-धीरे स्वत: कटता जाएगा, उजियारा मुखर होता जाएगा। अच्छा नजरिया, अच्छी सोच, अच्छा श्रम, अच्छा लक्ष्य, अच्छी योजना, अच्छा विश्वास - ये सभी वे गुर हैं जो हमें हमारी मूल्यवान सफलता प्रदान करते हैं।
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