Book Title: Sakaratmak Sochie Safalta Paie
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 26
________________ क्या करें कामयाबी के लिए ? को पार करने का प्रयास किया, लेकिन वे इन्हें पार न कर सके। नेपोलियन को उसने सलाह दी कि वह दूसरा रास्ता खोज ले क्योंकि इन पहाड़ियों को पार करना मनुष्य के लिए असंभव है। नेपोलियन ने विश्वासभरे स्वर में कहा, 'माँ, नेपोलियन के लिए असंभव जैसा कुछ भी नहीं होता। वह आल्प्स की इन पहाड़ियों को अवश्य पार करेगा और फिर से विश्व-विजय का शंखनाद करेगा।' तब बूढ़ी माँ ने कहा, 'जिस व्यक्ति के जीवन में किसी भी कामयाबी के लिए इतना विश्वास है, वह आल्प्स की चोटियों को तो क्या, जिन्दगी की हर बड़ी से बड़ी बाधा को पार कर सकता है। और नेपोलियन द्वारा आल्प्स की पहाड़ियाँ पार की गईं। सफलता के लिए प्रयास न करना ही विफलता है। तुम पहले प्रयास करो। जब सफलता न मिले तो सोचो। जब तुम दुर्बल मन लेकर किसी काम के लिए प्रयास करते हो तो मैं कहूँगा कि तुमने पहला कदम ही गलत रख दिया। दुर्बल शरीर के लोग तो अपने जीवन में सफल हो जाया करते हैं किन्तु दुर्बल मन के लोग कभी कामयाब नहीं हुआ करते। दो पहलवान जो समान ताकत रखते हैं, फिर भी मल्लयुद्ध में जीतता तो एक ही है। जो जीतता है, वह अपनी शक्ति के बल के साथ अपने आंतरिक आत्मविश्वास और मजबूत मन से जीतता है। ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत'। अगर तुम जीत के लिए प्रतिबद्ध हो तो जीत अवश्य मिलेगी और यदि पहले ही यह सोच लो कि मैं हार भी सकता हूँ तो मान लो कि हार ही गये। तुमने अपनी किस्मत हार सकता हूँ इस वाक्य को सौंप दी कि हारोगे ही। रेस में सौ घोड़े दौड़ते हैं लेकिन जीतता वही है जिसमें जीत का जज्बा होता है। तुम जितना कठिन श्रम करके सफलता प्राप्त करते हो, वह उतनी ही मूल्यवान होती है। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री गरीब घर में पैदा हुए थे। अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन एक गरीब घर में पैदा हुए थे। राष्ट्रपति के. आर. नारायणन् भी अनुसूचित जाति के गरीब परिवार से आए थे। वर्तमान राष्ट्रपति मिसाइल मैन अब्दुल कलाम भी अपनी भीषण गरीबी के दौर से निकलकर आए हैं। वे इमली के बीजों को बेचकर अपनी पढ़ाई करते Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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