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156... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म...
कर देते हैं तो कुछ लोग परमात्मा के समक्ष उद्द्भट फिल्मी नृत्य करते हैं जो सर्वथा अनुपयुक्त एवं अनुचित है।
• परमात्मा की पूजा हेतु उपयोगी चामर में प्लास्टिक के तार आदि का प्रयोग नहीं हुआ हो, इसका विवेक रखना चाहिए।
दर्पण पूजा सम्बन्धी सावधानियाँ
• परमात्मा की दर्पण पूजा करते हुए दर्पण में परमात्मा के मुख का दर्शन करना चाहिए, स्वयं का नहीं ।
धुंधला पड़ा हुआ, टूटा हुआ, खंडित, प्लास्टिक आदि के फ्रेम वाला दर्पण प्रयोग में नहीं लेना चाहिए ।
• दर्पण को ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहाँ से उसके गिरकर टूटने की संभावना कम से कम हो ।
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• जिस प्रकार घर के Dressing Table आदि के कांच की सफाई नियमित की जाती है। उसी तरह परमात्म दर्शन हेतु उपयोगी दर्पण भी नित्य साफ किया जाना चाहिए।
वस्त्रपूजा सम्बन्धी सावधानियाँ
• जब भी श्रावक अपने लिए वस्त्र खरीदने जाए तब उसे परमात्मा के लिए भी वस्त्र अवश्य खरीदना चाहिए।
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जिनपूजा हेतु फटे हुए, पुराने, पीले पड़े हुए अंगलुंछन वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
• फटे-पुराने, मोटे या घर में पड़े ऐसे-वैसे वस्त्रों के अंगलुंछन बनाने से परमात्मा की आशातना होती है।
• जिस प्रकार हम स्वयं के लिए ब्रांडेड (Quality) के वस्त्रों का प्रयोग करते हैं, एक-एक Dress के पीछे हजारो रुपयों का खर्च करते हैं, वैसे ही परमात्मा के लिए भी उत्तम Quality का सफेद मलमल ही खरीदना चाहिए । अंगलुंछन किए हुए वस्त्रों को प्रक्षाल के पानी में नहीं धोना चाहिए। उन्हें धोने हेतु शुद्ध, स्वच्छ, छने हुए जल का प्रयोग किया जाना चाहिए। अंगलुंछन वस्त्रों को यत्र-तत्र नहीं सुखाना चाहिए और न ही पुराने होने पर उन्हें यहाँ-वहाँ फेंकना चाहिए।
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