Book Title: Puja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 476
________________ सज्जन वाणी की अदभत रश्मियाँ •प्रभु दर्शन कैसे करें? * कहीं आप आराधना के स्थान पर विराधना तो नहीं कर रहे? अष्टमंगल के रहस्य एवं उनके विशिष्ट प्रभाव? .जिन पूजा में बरख का प्रयोग करना चाहिए - या नहीं? आज की 9 to 5 life style में त्रिकाल पूजा प्रासंगिक कैसे? जिनबिम्ब के नौ अंगों की ही पूजा क्यों करें? . 'जिन पूजा शास्त्रोक्त है' इस सम्बन्ध में ऐतिहासिक प्रमाण कहाँ मिलते हैं ? प्रक्षाल आदि पूजा विधानों की सार्थकता कब? जिनालय एवं जिन प्रतिमा आत्मोत्थान में सहायक कैसे? SAJJANMANI GRANTHMALA Website : www.jainsajjanmani.com,E-mail : vidhiprabha@gmail.com ISBN 978-81-910801-6-2 (XIII)

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