Book Title: Puja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 338
________________ 272... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... आज मंदिरों आदि का प्रभाव निस्तेज होता जा रहा है। पूजा करने वालों को भी उसका यथोचित्त लाभ प्राप्त नहीं होता । पूजा की विधि का सम्यक पालन करने से पापों का क्षय, दुःखों का नाश एवं विघ्नों का हरण होता है । विधिक्रम होने पर पूजा करने वाले का मन भी उसमें सम्यक प्रकार से जुड़ता है। पूजक को उसकी आदत हो जाती है । भावों का प्रवाह भी बना रहता है। कोई नया व्यक्ति यदि उस क्रिया को कर रहा हो तो वह भी उसे जानकर स्वयमेव ही कर सकता है। मंदिर के कार्यों में अव्यवस्था नहीं होती। कल्पना कीजिए कि यदि पूजा विधि का कोई क्रम न हो तो मंदिर में आनेवाला एक व्यक्ति परमात्मा की चंदन पूजा करेगा और दूसरा व्यक्ति आकर परमात्मा का अभिषेक करने लगेगा । सोचिए कितनी मुश्किल हो सकती है। वहीं एक सम्यक विधि होने से मंदिर में आने वालों को कोई असुविधा नहीं होती। क्रमानुसार विधि होने से सभी विधियों एवं क्रियाओं का पालन भी हो सकता है। अक्रम होने से विधि पालन में विस्मृति हो सकती है। क्रमशः विधिपूर्वक कार्य करने से आंतरिक आनंद की भी अनुभूति होती है। अन्य देखने वालों को भी हमारी क्रिया समझ में आती है। अन्य लोगों में भी वह क्रिया करने के भाव उत्पन्न होते हैं। इसी कारण मंदिर सम्बन्धी विधि-विधानों का एक क्रम उल्लेखित किया गया है। प्रत्येक धर्म में तत्संबंधी धार्मिक विधि-अनुष्ठानों का एक विधि क्रम इसी कारण से है। नमाज अदा करने का एक विधि क्रम है। मंत्र साधना, ध्यान आदि की भी एक विशिष्ट प्रक्रिया है । Doctor के Operation करने का एक तरीका एवं क्रम होता है और वह उसे विधिपूर्वक करे तो ही उसमें सफलता प्राप्त होती है अन्यथा मरीज के प्राणों का हरण भी हो सकता है। वैसे ही पूजा कार्य में अविधि करने से शुभ फल की जगह अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। जिनपूजा में नियम- मर्यादाओं का विधान कितना सार्थक ? पूजा सम्बन्धी नियमों का विधान आचार्यों द्वारा सोच-विचारकर पूजक वर्ग की सुविधा एवं आत्मोद्धार हेतु किया गया है। नियम परिणामात्मक एवं भावात्मक दोनों प्रकार के होते हैं। भावनात्मक नियमों का असर परिणामों पर पड़ता है। यद्यपि तत्समय परिलक्षित नहीं होता परन्तु वह व्यक्ति के अंतर मानस को सूक्ष्म रूप से प्रभावित करता है । एक सैनिक का मुख्य कार्य तो देश की रक्षा

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