Book Title: Puja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

View full book text
Previous | Next

Page 398
________________ वही 332... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... 88. इत्यादिकवैदेशिक श्राद्धानां तादृग्गुरुभक्तिगर्भवचनेश्च चमत्कृतः । प्रत्यहं मया सौ वर्णकमलैर्गुरूपादौ पूजनीयादित्याभिग्रहं जग्राह । 89. इत: श्री भरताधीशः, स्नातो धौतांशुकावृतः । जगाम देवतागारं, सन्तो मुध्यन्ति न क्वचित् । संस्नप्य वृषभ स्वामी, प्रतिमां यक्षकर्दमैः । विलिलेप महीनाथ:, स्वैर्यशोभिरिवावनिम । सुगन्धिभिरथानर्च, पुष्पैः सम्पूर्णभक्तिभाक् । दहाह धूपं चिदुप, स्तुतिकृद्भावतोऽर्हतः ॥ शत्रुजय माहात्म्य, 93-95 90. संबोध प्रकरण, 186-188, 194 91. आचारोपदेश, 14, 28-29 92. धर्मसंग्रह, पृ. 380 93. एहवण,' विलेपण, वत्थजुगं, गंधारूहणं, च पुप्फरोहणयं । मालारूहणं वन्नयं? चुन्न पडागाण आभरणे 10 ॥27॥ मालाकलावघरं ", पुप्फपगरं च 12, अट्ठमंगलयं । धूवक्खेवो 14, गीयं 15, नर्स्ट 16, वज्ज", तहा भणियं ।।28।। ____ आत्मप्रबोध, उद्धृत-पूजा विधि संग्रह, पृ. 67 94. श्री जिनपूजा विधि संग्रह, प्र. 86 95. कधं जिणबिंब दंसणं पढम सम्मत्तुप्पत्तीए कारणं? णिधत्तणिकाचिदस्स वि मिच्छत्तादि-कम्मकलावस्स खयदंसणादो॥ जीवस्थान सम्यक्त्वोत्पत्ति चूलिका, सूत्र 22 धवला 96. तिरश्चाँ केषाञ्चिज्जाति स्मरणं केषांचिद्धर्म श्रवणं। केषांचिज्जिनाबिम्ब दर्शनम् मनुष्याणामपि तथैव ॥ __ जैन धर्म और जिनप्रतिमा पूजन रहस्य, पृ. 105 97. आदिपुराण, उद्धृत- जैन धर्म और जिनप्रतिमा पूजन रहस्य, पृ. 93 98. अजितनाथ पुराण, वही, पृ. 93 99. पद्मनन्दी पच्चीसी, वही, पृ. 93 100. जिनसंहिता, वही, पृ. 93 101. षट्कर्मोपदेशमाला, वही, पृ. 93

Loading...

Page Navigation
1 ... 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476