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जिन पूजा विधि की त्रैकालिक आवश्यकता एवं... ...245
लिए प्रार्थना करनी हो या मंगल कामना उस समय दीपक प्रज्वलित करते हुए परमात्मा के आगे अपने इन भावों को अभिव्यक्त किया जाता है।
आरती की विधि जितनी रहस्यपूर्ण है उतना ही रहस्ययुक्त उसका आकार है । पूर्वाचार्यों ने ज्ञान को दीपक की उपमा दी है। ज्ञान पाँच हैं अतः आरति भी पाँच दीपों से युक्त होती है । पाँच के अंक को मांगलिक माना गया है तथा ज्ञान को भी नंदीसूत्र में मंगलरूप माना गया है अतः पाँच दीपक प्रज्वलित करने चाहिए। आरती में बना हुआ सर्प का आकार मोह रूपी सर्प का सूचक है, जो कि ज्ञान रूपी दीपक की अग्नि को देखकर वहीं रुक जाता है, भयभीत हो जाता है। आरती में दीपक प्रज्वलित करने का एक कारण यह भी है कि जिस प्रकार दीपक जलकर शांत हो जाता है वैसे ही मेरी आत्मा में भड़की कषायों की आग भी दीपक की तरह शांत हो जाए।
मंगल दीपक को स्व- पर मंगलकारी माना जाता है। इसके माध्यम से विश्वमंगल की कामना की जाती है। यह एक मंगलविधि है, प्रकाश का अभिषेक है, तेज की अभिवृष्टि है, अंतर ज्योति को जगाने का महोत्सव है तथा द्रव्य उद्योग के द्वारा भाव उद्योत रूप परमात्मा का स्मरण है। प्रार्थना का अलौकिक स्वरूप और उसके लाभ
अंतर हृदय से उत्पन्न होता परमात्मा के साथ नीरव संवाद एवं भावात्मक वार्तालाप प्रार्थना कहलाता है। कभी-कभी उन भावों को व्यक्त करने हेतु हम शब्दों का प्रयोग भी करते हैं। युग-युगान्तर से प्रार्थना के द्वारा परमात्मा के साथ तार जोड़े जाते रहे हैं। प्रार्थना अर्थात प्रभु के लिए प्रेम का स्वीकार। जिसमें समर्पण भाव हो, दासत्व भाव हो, ऊपर उठने के भाव हो, परमात्मा के साथ मिलने की झंखना हो, उसके मनोगत भाव स्वयमेव प्रार्थना के रूप में प्रकट हो जाते हैं। प्रार्थना के माध्यम से भक्त कभी भगवान के प्रति प्रेम भाव व्यक्त करता है तो कभी उपालंभ, कभी वह परमात्मा को प्रीतम मानकर उनसे प्रीति जोड़ता है तो कभी स्वयं को अवगुणी मानते हुए अपनी हीनता एवं दोषों को उनके सामने प्रकट करता है। भक्त के अन्तरहृदय से निकली हुई प्रार्थना निश्चित रूप से पूर्ण होती है। और चंदना के उद्धार के लिए स्वयं भगवान महावीर आए, तो मुनिसुव्रत स्वामी घोड़े को उपदेश देने गए। ऐसे कई उदाहरण शास्त्रों में प्राप्त होते हैं।
प्रार्थना कोई शब्दों की संरचना या सजावट नहीं। यह तो मात्र भावों की अभिव्यक्ति है, अन्तर की पुकार है। पशुओं के पास और मूक लोगों के पास